सड़क पर गड्ढे बेहिसाब, वाहनों के पहिए भी दे रहे जवाब
गोंडा : गोंडा से बलरामपुर तक सीमेंटेड सड़क निर्माण किए जाने की मंजूरी होने के चार माह बाद भी काम नहीं
गोंडा : गोंडा से बलरामपुर तक सीमेंटेड सड़क निर्माण किए जाने की मंजूरी होने के चार माह बाद भी काम नहीं शुरू हो सका है। जबकि शासन से निर्माण के लिए 140 करोड़ की सापेक्ष 40 करोड़ रुपये की धनराशि भी लोक निर्माण विभाग को आवंटित की जा चुकी है। लेकिन अधिकारी सड़क निर्माण कराने में हीलाहवाली किए जाने से बाज नहीं आ रहे हैं। गोंडा से बलरामपुर तक बेहिसाब गड्ढे हो चुके हैं। आए दिन गड्ढों में फंसकर लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। कइयों की जान भी जा चुकी है। बारिश होने के बाद गड्ढों में पानी भर जाता है। इससे लोग उसकी गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं।
सड़क निर्माण शुरू हो तब बने बात
-शाहरुख का कहना है कि रेलवे ओवरब्रिज से सुभागपुर बाजार तक सड़क पर अनगिनत गड्ढे हो चुके हैं। पत्थर व छर्रियां बिखरी पड़ी है। गड्ढों को भरने के लिए ईंट डाली गई थी। अब इस मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं है।
- हकीकउल्ला व आरिफ खान का कहना है कि मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों की दूरियां कम करने के लिए सड़क निर्माण की मंजूरी दी थी। पैसे भी विभाग को आवंटित कर दिए थे। लेकिन अभी तक कंपनी की लापरवाही के चलते सड़क का निर्माण नहीं शुरू कराया जा सका।
-कुंवर साहब तिवारी का कहना है कि सुभागपुर, कंचनपुर, संझवल, इटियाथोक, जानकीनगर, करूवापारा तक जगह-जगह जानलेवा गड्ढे हो चुके हैं। बारिश के बाद लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है। वाहन अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं। जिससे मार्ग दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। वाहनों के पहिए भी जवाब देने लगे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
मुख्य अभियंता व प्रभारी अधीक्षण अभियंता क्यू आर लारी का कहना है कि गोंडा से बलरामपुर तक सड़क निर्माण की मंजूरी फरवरी माह में ही मिल चुकी थी। प्रक्रिया पूरी होने में थोड़ा विलंब हुआ है। दस मीटर चौड़ी सीमेटेंड सड़क का निर्माण करवाया जाएगा। कंपनी ने जर्मनी से आधुनिक मशीन मंगवाई है। सात दिनों के भीतर सड़क का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। जितनी अवधि में सड़क का निर्माण पूरा कराना है। उस अवधि में सड़क का काम पूरा करा लिया जाएगा।
एक दिन में आठ सौ मीटर बन सकेगी सड़क
-आधुनिक मशीन से एक दिन में आठ सौ मीटर सड़क का निर्माण होगा। यह मशीन जर्मनी से मंगवाई गई है। इसकी कीमत करीब आठ करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसे मशीन से निर्माण तेजी से किया जा सकेगा।