ऐसे तो बन चुकी स्मार्ट सिटी
गोंडा: अगर आपकी दुआ-सलाम आरईएस के कर्मचारियों व अफसरों से है तो ¨चता छोड़िए। आपका अतिक्रमण न केवल सुर
गोंडा: अगर आपकी दुआ-सलाम आरईएस के कर्मचारियों व अफसरों से है तो ¨चता छोड़िए। आपका अतिक्रमण न केवल सुरक्षित है, बल्कि बढि़या तेल-पानी में सफल रहे तो दो-ढाई फिट सड़क पटरी भी बतौर गिफ्ट मिल सकती है।
जी हां, ये सब अतिश्योक्ति नहीं है। बानगी देखनी है तो शहर के महाराजगंज तिराहा आइए। यहां से विनोद टाकीज तिराहे तक हो रहे नाला निर्माण को देखिए। विभाग की निगरानी में हो रहे नाला निर्माण में नियम कानून सब ताक पर रख दिए गए हैं। ख्याल रखा जा रहा है तो बस अपनों का। नया निर्माण पुरानी नाली से दो फीट बगल में किया जा रहा है। इससे पैदल चलने वालों के लिए छोड़ी गई सड़क पटरी कटकर खत्म सी हो गई है। सड़क और नाले के बीच दूरी इतनी नहीं रह गई है कि लोग इत्मिनान से चल सकें। इधर रहने वाले तो प्रसन्न हैं, लेकिन इससे उन लोगों को खासी दिक्कतें होने वाली हैं, जिनका इधर से रोज का पैदल आना-जाना है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
-आरईएस के अवर अभियंता खुर्शीद आलम ने माना कि निर्धारित स्थान से डेढ़-दो फीट छोड़कर नाला निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन इसके पीछे उन्होंने लोगों की गुजारिश को कारण बताया। बताया कि खुदाई के चलते पुरानी नाली के बगल बनी दीवारों के गिरने का खतरा है। पिछले दिनों एक मंदिर की दीवार गिर जाने से इधर खासा हंगामा हो गया था। इसलिए लोगों का कहना मानना अब मजबूरी बन गई है।
इतिहास से नहीं लिया सबक
-बलरामपुर रोड पर ओवरब्रिज के बाद कराए जा रहे नाला निर्माण में भी सड़क पटरी की बंदरबांट हो रही थी। लोक निर्माण विभाग की नोटिसों और सख्त पड़े तेवर के चलते नगर पालिका को न सिर्फ काम रुकवाना पड़ा था, बल्कि दोबारा नाला निर्माण कराना पड़ा था। आरईएस महकमा इस घटना से मामले से सबक लेने को तैयार नहीं है।