डीएम साहब, विकास भवन में बदहाली की छाया
गोंडा: गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाने वाला विकास भवन खुद ही बदहाली का शिकार है। यहां अफसरों के दावो
गोंडा: गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाने वाला विकास भवन खुद ही बदहाली का शिकार है। यहां अफसरों के दावों के बीच बुनियादी सुविधाएं बेहाल हैं। परिसर के चारों तरफ उगी झाड़ियां अफसरों के संजीदगी की हकीकत बयां कर रही हैं, यही नहीं शौचालयों में फैली गंदगी व टूटे दरवाजे स्वच्छता अभियान की हवा निकाल रहे हैं। जिससे सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को हो रही है। हद तो तब हो गई जब कार्यालयों की गलियों में दीवारें पान की चित्रकारी से रंगी हुई हैं। आरईएस द्वारा बनाई गई सीसीरोड की बिखरी गिट्टियां गुणवत्ता की दास्तान सुना रही हैं। विकास भवन के मुख्य द्वार से सटा पार्क वीरान हो चुका हैं, पार्क में न घास है कोई पौधे। पराग द्वारा खाद्य पदार्थों के लिए बनाई गई दुकान महज शोपीस बनी हुई है। यहां एक दो नहीं बल्कि 26 विभागों के कार्यालय स्थापित हैं, लेकिन कोई अफसर विकास भवन की सूरत को बदलने के लिए आगे नहीं आना चाहता। ये हालात तब है जब अन्य विभागों के भवन का किराया ग्राम्य विकास विभाग वसूल रहा है। फिर भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
-विकास भवन में स्थापित कार्यालय
-ग्राम्य विकास
-डीआरडीए
-कौशल विकास मिशन
-विकलांग जन विकास
-सहकारिता
-भूमि संरक्षण
-पंचायतीराज
-युवा कल्याण
-चुनाव कार्यालय
-आरईएस
-पशुपालन
-लघु ¨सचाई
-मत्स्य पालन
-सर्व शिक्षा अभियान
-रेशम पालन
-अल्प संख्यक कल्याण
-पिछड़ा वर्ग कल्याण
-नेडा
-बाल विकास
-अर्थ एवं संख्या
-जिला नगरीय विकास अभिकरण
-समाज कल्याण
विकास भवन की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक करके चर्चा की जाएगी।''
-यशवंत कुमार ¨सह, डीडीओ गोंडा