धंसने के कगार पर चंदहा नाले का जर्जर पुल
गोंडा: हलधरमऊ क्षेत्र के सोनहरा में चंदहा नाला पर बना पुल कभी भी क्षेत्र के लोगों को दगा दे सकता है।
गोंडा: हलधरमऊ क्षेत्र के सोनहरा में चंदहा नाला पर बना पुल कभी भी क्षेत्र के लोगों को दगा दे सकता है। दशकों पहले बने इस पुल के पीपे व दीवारें धंसने के कगार पर हैं।
बालपुर-भटनइया भड़सड़ा मार्ग पर सोनहरा गांव के पास से निकले चंदहा पर कई वर्षों पहले एक पीपे के पुल का निर्माण हुआ था। इस पुल से क्षेत्र के सोनहरा, पाठकपुरवा, पंडितपुरवा, चकसेनिया, भटनइया, भड़सड़ा, रेरुवा, सरपंचपुरवा, घिवपुरवा, शुक्लनपुरवा, खरथरी, बांसगांव, नकहा बसंत, भोजईपुरवा आदि गांवों के लोगों के वाहन तथा गन्ने की ट्रालियों का आवागमन होता है। इस पुल के पीपों की स्थिति जर्जर हो गई है और पीपे के नीचे बनी दीवारें गिर रही हैं। किनारे की दीवारें भी दरक कर धंसने के कगार पर हैं। हालत यह है कि पुल सड़क से नीचे हो गया है। बरसात में पुल के ऊपर से पानी बहता है तो लोग डर के कारण आवागमन बंद कर देते हैं और लगभग 20 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर इस पार से उस पार जाते हैं। क्षेत्रीय लोगों का मात्र यही एक रास्ता है। धर्मराज तिवारी का कहना है कि यह पुल काफी पहले से जर्जर है। इसका निर्माण होना बहुत जरूरी है। बरसात के मौसम में लोगों का आवागमन बिल्कुल बंद हो जाता है। शंकर प्रसाद शुक्ल का कहना है कि सड़क से नीचे पुल बैठ गया है। इधर से गुजरना जान जोखिम में डालना है। कभी भी पुल ध्वस्त हो सकता है। रामनरेश शुक्ल का कहना है कि जब चंदहा उफनाता है तो पुल स्वयं डूब जाता है। फिर ऐसे पुल से ग्रामीणों को क्या लाभ है। उन्होंने इस पुल के स्थान पर दूसरा पुल बनाने की मांग की है। विक्कू पांडेय का कहना है कि इस पुल के खराब होने से लोग आवागमन में हिचकते हैं। इससे क्षेत्र के किसानों का विकास प्रभावित हो रहा है। दूसरा पुल बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जनप्रतिनिधियों से मिलकर मांगपत्र सौंपा जाएगा। इसके अलावा दीपू मिश्र, राजू यादव, रूपेश मिश्र, सोनू तिवारी, चंद्रबदन तिवारी, देवी प्रसाद मुंशी, हेमनाथ शुक्ल आदि ने शीघ्र ही पुल का निर्माण कराने की मांग की है।