आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला, बच्चों को कैसे मिले निवाला
गोंडा: गांव को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सरकार भले ही राज्य पोषण मिशन का संचालन कर रही हो, लेकिन विभ
गोंडा: गांव को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सरकार भले ही राज्य पोषण मिशन का संचालन कर रही हो, लेकिन विभागीय व्यवस्था पंगु हो चुकी है। हालात ये हैं कि पोषाहार व हॉटकुक्ड वितरण की बात तो दूर यहां आंगनबाड़ी केंद्र खोलना तक कार्यकर्ता मुनासिब नहीं समझते। कहीं एक दिन तो कहीं एक सप्ताह से केंद्र बंद चल रहे हैं। वैसे तो बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग बाल विकास परियोजना क्षेत्र में 198 केंद्र व 20 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन का दावा कर रहा है, लेकिन हालात एकदम जुदा हैं। पेश है आंखों देखी एक रिपोर्ट:
दृश्य-1
आंगनबाड़ी केंद्र- लखनीपुर
समय- दोपहर 12 बजे ।
- केंद्र पर कार्यकर्ता सहायिका व बच्चे मे कोई नही मिला। केंद्र परिसर में चारों तरफ गंदगी व अव्यवस्थाओं का बोलबाला था। केंद्र प्राथमिक विधालय मेईदूबे के परिसर मे संचालित है। विधालय के सहायक अध्यापक ने बताया कि केंद्र गुरूवार को खुला था लेकिन आज कोई नही आया।
दृश्य-2
आंगनबाड़ी केंद्र- छजवा
समय- 12:30 बजे।
-यह केंद्र प्राथमिक विधालय छजवा के परिसर मे स्थित है। केंद्र पर पहुचने पर केंद्र मे ताला लटक रहा था। केंद्र पर विभाग का कोई कार्यकर्ता उपस्थित नही था। विद्यालय के सहायक अध्यापक ज्ञानेश कुमार ने बताया कि हमने 18 नवम्बर को विधालय मे योगदान किया है उस दिन से आज तक एक दिन भी केंद्र नही खुला है।
दृश्य- 3
आंगनबाड़ी केंद्र- मुजेहना
समय- 1:00 बजे ।
- आंगनबाड़ी केंद्र मुजेहना मे केंद्र के दरवाजे क्षतिग्रस्त होने के कारण खुले थे। लेकिन केंद्र पर कोई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व बच्चे उपस्थित नही थे। केंद्र के शौचालय के पास मदार का पेड़ लगा था। केंद्र पर जानकारी देने के लिए कोई मौजूद नही था।
आंगनबाड़ी केंद्र बंद होना गलत है। केंद्र की कार्यकत्री व सहायिका से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।''
-गीता श्रीवास्तव, सीडीपीओ मुजेहना