भूल गए वादा, यह कैसा इरादा
गोंडा: - रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जहां साफ सफाई का इंतजाम बेहतर है वहीं छोटी लाइन इस
गोंडा:
- रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जहां साफ सफाई का इंतजाम बेहतर है वहीं छोटी लाइन इसकी साख पर बट्टा लगा रहा है। कहीं पर अवारा पशु विचरण करते हुए नजर आते हैं, छोटी लाइन में पानी की टंकी में समीप भी अव्यवस्था है। स्टेशन परिसर के बाहर संयुक्त कार्यालय के समीप भी गंदगी का अंबार है।
- जिला अस्पताल परिसर में टीबी क्लीनिक के सामने गंदगी का अंबार है। सीएमओ कार्यालय के पीछे बड़ी बड़ी झाड़ियां हैं। चिल्ड्रेन वार्ड के बगल में कबाड़ डंप है। हड्डी वार्ड के बगल भी अव्यवस्था है। नेत्र रोग व आयुर्वेदिक वार्ड के बीच में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। मेडिकल वार्ड में भी गदंगी व्याप्त है।
- बस स्टेशन पर हर ओर गंदगी की भरमार है। यात्री प्रतीक्षालय हो या फिर पूछताछ कक्ष के समीप। रोडवेज के सामने सड़कों तक पर जगह-जगह गंदगी फैली है। यहां कहीं पर कूड़ा एकत्र करने के लिए कूड़ादान नहीं नजर आया।
- कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम कार्यालय के ठीक बगल गंदगी का अंबार है। एक कोने पर लोग पान खाकर थूक रहे हैं। साथ ही सीआरओ कार्यालय के समीप भी लोग जगह-जगह पान खाकर थूक रहे हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग के कर्मचारी तो गंदगी से परेशान है। वह कहते हैं कि कार्यालय के बगल स्थित शौचालय से इतनी बदबू आ रही है कि बैठना मुश्किल है।
- विकास भवन भी गंदगी से अछूता नहीं है। यहां पर दूसरी मंजिल पर स्थित आरईएस कार्यालय के सामने कूड़ा जमा था। साथ ही जगह-जगह पान की पीक नजर आ रही थी। तीसरी मंजिल पर स्थित बीएसए कार्यालय के बगल के शौचालय की व्यवस्था बदहाल मिली। कई अन्य सरकारी कार्यालयों के समीप भी अव्यवस्था नजर आई।
यह चंद नमूने, स्वच्छ भारत अभियान का सच बयां करने के लिए काफी है। पिछले साल दो अक्टूबर से स्वच्छता की अलख जगाई गई थी। खुद जिलाधिकारी ने कर्मियों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट में झाड़ू लगाया था। गांधी पार्क से अभियान का आगाज हुआ था। जिसमें शहर की स्वयंसेवी संगठनों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। स्कूली बच्चों ने भी जगह- जगह स्वच्छता का अभियान चलाया था। सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने शहर से लेकर गांव तक में अभियान चलाया, फोटो ¨खचवाई फिर भूल गए। स्कूलों का हाल यह है कि वहां पर झाड़ियां ही झाड़ियां है। स्कूलों के सामने गंदगी का अंबार है। राजकीय इंका का खेल मैदान झाड़ियों के जंगल में बदल गया है। राधाकुंड की हालत भी दयनीय है। बावजूद इसके जिम्मेदारों को ध्यान नहीं है।
सिविक सें स्वच्छता को लेकर हर किसी को सजग होना जरूरी है। अकेले सरकारी मशीनरी पर जिम्मेदारी थोपना ठीक नहीं है। शहर हमारा है, इसे सुंदर बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। हमें घर से लेकर अपने मोहल्ले को साफ सुथरा बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए हर मोहल्ले में युवाओं को जागरूक करना होगा। उन्हें जिम्मेदारी का एहसास कराना होगा।
- धर्मवीर आर्य, समाजसेवी
जिम्मेदार के बोल
- जिला पंचायत राज अधिकारी आरएस चौधरी का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है। जिसके तहत गांवों में साफ सफाई से लेकर स्वच्छता के अन्य कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। शौचालय बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। स्कूलों से लेकर गांवों तक में साफ सफाई को लेकर जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है।