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हक की आवाज संग वृद्धजनों का सम्मान

गोंडा: अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर वृद्धों के हक की आवाज बुलंद हुई। उप्र पेंशनर्स कल्याण संस्था के

By Edited By: Published: Fri, 02 Oct 2015 12:04 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2015 12:04 AM (IST)

गोंडा: अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर वृद्धों के हक की आवाज बुलंद हुई। उप्र पेंशनर्स कल्याण संस्था के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम का आयोजन कर समस्याओं पर चर्चा की। साथ ही 80 साल की आयु पूरी कर चुके पांच पेंशनरों को सम्मानित किया गया।

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उप्र पेंशनर्स कल्याण संस्था की जिला इकाई के तत्वावधान में टाउन हाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांतीय मंत्री एनपी त्रिपाठी ने कहा कि जिस वेतन समिति व वेतन आयोग की मूल संस्तुतियां जिस तिथि से प्रभावी हुई है, उसी तिथि से विसंगति निवारण की तिथियां भी प्रभावी की जाय। जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन में होने वाली परेशानी से रोका जा सके।

अध्यक्ष महिपाल चतुर्वेदी व मंत्री लक्ष्मण प्रसाद पांडेय ने कहा कि पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन सेवाकार में प्राप्त वेतन से आधी हो जाती है। वे उसमें अपनी दिनचर्या व जीवन स्तर बनाए रखने में आर्थिक कठिनाई का सामना करने लगते हैं। शिवमूर्ति मिश्र ने कहा कि सांसदों व विधायकों की तरह उनको मिलने वाली पेंशन की धनराशि को आयकर से मुक्त कराया जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सीएल गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. अमर ¨सह कुशवाहा, मंडल अध्यक्ष सरदार सरजीत ¨सह, प्रांतीय संगठन मंत्री केबी ¨सह, रामलगन मौर्य, मुन्ना लाल सहित अन्य ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुन्ना लाल गुप्ता, मुक्ति नाथ, श्रवण कुमार माथुर, जमुना प्रसाद त्रिपाठी, प्रेम बिहारी मल्होत्रा व राम कृपाल ¨सह को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। साथ ही पेंशनर्स कल्याण संस्था की पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। नई कार्यकारिणी के गठन की जिम्मेदारी शिवमूर्ति मिश्र व लक्ष्मण प्रसाद पांडेय को दी गई।

कार्यक्रम में पारित प्रस्ताव

- कोषागार परिसर के बाहर निर्मित पेंशनर्स कक्ष का उपयोग पेंशनर्स के उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाय।

- पहली जनवरी 2006 से पुनरीक्षित न्यूनतम पेंशन का भुगतान कराया जाय।

- एसीपी के मामले को लेकर पुरानी पेंशन का पुनरीक्षण कराया जाय।

- कार्यलाध्यक्ष के स्तर पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों का भुगतान निर्धारित समय सारिणी के अनुसार किया जाय।

- मंडलीय पेंशन अदालतों का नियमित आयोजन कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लंबित प्रकरणों का निस्तारण एक निश्चित समय सीमा में कराया जाय।

- पेंशन अदालतों में पेंशन के अलावा पेंशनर्स के अन्य लंबित दावों को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए उनका भी निराकरण कराया जाय।

- पेंशन अदालत का कार्यक्षेत्र बढ़ाकर नाम परिवर्तन के साथ पेंशनर अदालत किया जाय।


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