बैंकों की हड़ताल, प्रभावित 14 करोड़ का कारोबार
गोंडा: केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को बैंकों में हड़ताल रही। जिससे लोगों
गोंडा: केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को बैंकों में हड़ताल रही। जिससे लोगों को काफी परेशानी से जूझना पड़ा।
पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा पर आयोजित धरने को मंत्री रजत श्रीवास्तव, जोनल सेक्रेटरी डीके ¨सह, सोहरत ¨सह, मेवालाल शुक्ल, नानबाबू, शक्ति नाथ त्रिपाठी, विनय प्रकाश पांडेय, रंजीत उपाध्याय सहित अन्य ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इलाहाबाद बैंक के मंडलीय कार्यालय के सामने कर्मियों ने धरना दिया। जिसमें आल इंडिया आफीसर्स व बैंक इंपलाइज के सदस्यों ने नैतिक समर्थन दिया। धरने को प्रांतीय उपाध्यक्ष एमडी ¨सह, जेपी ¨सह, जीपी कनौजिया, जीडी कनौजिया, राकेश गुप्ता, श्रीपति ¨सह सहित अन्य ने आंदोलन में हिस्सा लिया। बीमा कर्मचारी संघ के राम नरेश शुक्ल, विनोद कुमार, केपी शुक्ल सहित अन्य पदाधिकारियों ने भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने प्रधान डाकघर, बभनान, मनकापुर, परसपुर, तरबगंज, बनकटवा सहित अन्य डाकघर पर कामकाज ठप कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सत्य प्रकाश पांडेय, दिलीप वर्मा, विपिन कुमार, सत्य नरायन सोनकर सहित अन्य मौजूद थे। साथ ही यूपी रोडवेज इंपलाइज यूनियन एवं सेंट्रल रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने हड़ताल कर बसों का आवागमन रोक दिया। प्रदर्शन में रवीेंद्र कुमार दूबे, पीएन पांडेय, ओएन पांडेय सहित अन्य कर्मी मौजूद थे।
इनसेट
इन मांगों को लेकर हुआ आंदोलन
- न्यूनतम वेतन कानून में संशोधन करते हुए सबके लिए 15 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन किया जाय।
- स्थाई बारहमासी कामों के लिए ठेका प्रथा बंद हो। ठेका मजदूरों को उद्योग संस्थानों मे उनके जैसा काम करने वाले नियमित मजदूरों की तरह ही बराबर वेतन एवं अन्य भत्ते व हितलाभ दिए जाएं।
- बोनस व प्रोविडेंट फंड की अदायी पर सभी बाध्यता हटाई जाय, ग्रेच्युटी की मात्रा में बढ़ोतरी हो।
- सबके लिए पेंशन सुनिश्चित किया जाय। नई पेंशन कानून वापस लिया जाय तथा पुरानी पेंशन नीति बहाल किया जाय।
- महंगाई पर रोक लगाने के लिए ठोस योजना बनाई जाय।
- श्रम कानूनों को शक्ति से लागू किया जाय। श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी प्रस्तावित सभी संशोधनों को वापस लिया जाय।
- असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए सर्व व्यापी सामाजिक सुरक्षा कोष का निर्माण कराया जाय।
- रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाया जाय।
- केंद्र व राज्य की सार्वजनिक इकाईयों, अंडरटे¨कग के विनिवेश पर रोक लगाई जाय।
- ट्रेड यूनियन का पंजीकरण 45 दिनों के अंदर अनिवार्य किया जाय।
- होटल एवं रेस्तरां, इंजीनिय¨रग उद्योग, शुगर उद्योग में वेतन पुनरीक्षण कार्य शीघ्र पूरा किया जाय।
- स्कीम वर्कर्स, आंगनबाड़ी, मिड डे मील आशा, ऊषा, रोजगार सेवक, शिक्षामित्र को मानदेय की जगह न्यूनतम वेतन दिया जाय व राज्य कर्मचारी घोषित किया जाय।
- उप्र सरकार बिजली कर्मियों पर लगे फर्जी मुकदमे को वापस लें।
- दवा प्रतिनिधियों व श्रमिक संगठनों की ट्रेड यूनियन गतिविधियों में पुलिस का अनावश्यक व असंवैधानिक हस्तक्षेप बंद किया जाय।