स्कूल न जाने वाले बच्चों को खोजने का अभियान आज से
गोंडा: स्कूल चलो अभियान, आरटीई मेला, रैली, गोष्ठी सहित अन्य विविध कार्यक्रमों के बाद भी स्कूल न पहुं
गोंडा: स्कूल चलो अभियान, आरटीई मेला, रैली, गोष्ठी सहित अन्य विविध कार्यक्रमों के बाद भी स्कूल न पहुंचने वाले बच्चों की खोज में विभाग जुट गया है। इसके लिए पहली अगस्त से बीस दिनों का एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह अभियान जिले के हर मजरे के हर घर तक चलेगा।
शुक्रवार को एनआइसी में आयोजित तैयारी बैठक में जिला समन्वयक प्रशिक्षण शैलेश गुप्त ने बताया कि आउट ऑफ स्कूल बच्चों का ¨चहाकन कर उन्हें आयु संगत कक्षा में प्रवेश कराकर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। सर्वे में इस बार समाज कल्याण, बाल विकास, नगर विकास, श्रम, स्वास्थ्य, नगर पालिका के साथ ही रोटरी क्लब, लाइंस क्लब, तथा अन्य स्वयं सेवी संगठनों का सहयोग लिया जा सकता है। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी प्रीती शुक्ला, ममता ¨सह, एसपी ¨सह, आनंद ¨सह, गजेंद्र ¨सह सहित अन्य मौजूद थे।
किस तरह होगा सर्वे
- नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों व शिक्षामित्रों के माध्यम से हाउस होल्ड सर्वे कराया जाए।
- बस्ती, मजरेवार, शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर घरों व परिवारों को आच्छादित किया जाए।
- 3-5 एवं 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों का विवरण एकत्रित किया जाएगा।
- वोटर लिस्ट के आधार पर स्लम एरिया तथा झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को भी डाटा सर्वेक्षण में शामिल किया जाए।
- माईग्रेशन, शार्ट टर्म शिफ्ट एवं ट्रांसफर्ड परिवारों को भी शामिल किया जाए।
- कोई भी बच्चा अगर स्कूल नहीं जा रहा है तो उसका पूरा विवरण एकत्र किया जाएगा।
- कहीं वह अपने घर में काम में तो लगा नहीं है, कूड़ा कचरा तो नहीं बीन रहा है, घरेलू नौकरी तो नहीं कर रहा है, जैसे तमाम ¨बदुओं पर कार्यक्रम जुटाई जाएगी।
इस तरह होगी मॉनीट¨रग
- खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर सर्वे की निरंतर मानीट¨रग कराई जाएगी।
- न्याय पंचायत समन्वयक प्रत्येक मजरे का एक बार अनुश्रवण अवश्य करेंगे।
- बीएसए कम से कम 5 ग्राम सभा एवं नगर के पांच वार्डों का सत्यापन व अनुश्रवण करेंगे, साथ ही रेंडम जांच भी करेंगे।
- सभी जिला समन्वयक कम से कम 15 ग्राम सभाओं का सत्यापन करेंगे।