श्रावस्ती में घट सकती है बिजली आपूर्ति
गोंडा: बिजली सभी की जरूरत है लेकिन खर्च के हिसाब से आमदनी कम है। इसके लिए बिजली चे¨कग अभियान का साप
गोंडा: बिजली सभी की जरूरत है लेकिन खर्च के हिसाब से आमदनी कम है। इसके लिए बिजली चे¨कग अभियान का साप्ताहिक अभियान चला जिसमें अधिकारी फेल रहे। नतीजा मंडल के श्रावस्ती जिले की बिजली पर गाज गिर सकती है। यहां के दो सबसे कम राजस्व वाले उपकेंद्र की बिजली बीस से घटकर दस घंटे कर दी जाएगी। 21 जुलाई को मंडल में एक साप्ताहिक बिजली अभियान शुरू हुआ जिसमें मंडल में नये कनेक्शन की संख्या 13076 व तीन करोड़ 26 लाख की वसूली की जानी थी। इसके लिए जिलावार लक्ष्य दिया गया और जिलों में टीमों का गठन हुआ। गोंडा प्रथम में 11 उपकेंद्र हैं जहां से 37 फीडर पर बिजली आपूर्ति की जा रही है। यहां पर 2100 नये कनेक्शन कराये जाने रहे लेकिन कुल 956 कनेक्शन हो पाए। बीस लाख का राजस्व मिल पाया। गोंडा दो में नौ उपकेंद्र और 31 फीडर हैं। यहां से 2016 कनेक्शन होने थे जिसमें से मात्र 213 कनेक्शन हो पाये। बलरामपुर में 11 उपकेंद्र व 32 फीडर हैं। यहां पर कुल 1960 नये कनेक्शन होने थे लेकिन यहां पर कुल 132 कनेक्शन हो पाये। बहराइच में 19 उपकेंद्र है और 68 फीडर चल रहे हैं। यहां पर 5600 नये कनेक्शन का लक्ष्य है लेकिन कुल कनेक्शन 1060 ही हो पाये। श्रावस्ती जिले में पहले चरण में अभियान सफल रहा जिससे प्रदेश में राजस्व नंबर एक पर पहुंच गया। यहां पर 20 घंटे की बिजली दी जाने लगी। इस बार अभियान में 1400 कनेक्शन का लक्ष्य दिया गया। इनमें 611 नये कनेक्शन दिये गये जो पचास फीसद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया।इसी तरह मीटर बदलने, बकाया वसूली, मुकदमें दर्ज कराये जाने थे लेकिन इनका भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।
क्या कहते हैं मुख्य अभियंता
गोंडा: मुख्य अभियंता हर्ष मुंशी का कहना है कि साप्ताहिक अभियान में अधिकारी फेल रहे। यह हालत ¨चताजनक है। श्रावस्ती के सभी उपकेंद्र की बिजली वसूली का विवरण मांगा गया है। इनमें सबसे कम बिजली देने वाले दो उपकेंद्र की बिजली आपूर्ति दस घंटे कर दी जाएगी। सभी अधिशासी अभियंताओं से जवाब मांगा गया है। बिजली के हिसाब से विभाग को पैसा चाहिए। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।