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घाघरा बहा ले गई महकमे का 'जुगाड़'

कर्नलगंज गोंडा: बाढ़ का पानी एक बार फिर लोगों की परेशानियों का सबब बन गया है। कर्नलगंज क्षेत्र में क

By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 09:55 PM (IST)
घाघरा बहा ले गई महकमे का 'जुगाड़'

कर्नलगंज गोंडा: बाढ़ का पानी एक बार फिर लोगों की परेशानियों का सबब बन गया है। कर्नलगंज क्षेत्र में कटान तेजहोने से एल्गिन-चरसड़ी तटबंध के पांच स्परों में कटान तेज हो गई है। घाघरा नदी की लहरें तटबंध को बचाने के लिए कियेजुगाड़ (जियो ट्यूब) को बहा ले गई हैं। तटबंध के स्पर नंबर एक, दो, तीन को प्रशासन ने संवदेनशील घोषित किया है, जबकि स्पर नंबर चार व पांच में कटान जारी है। वहीं रायपुर के ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू कर दियाहै। वहीं, बाढ़ कार्यखंड के अधिकारी स्परों को बचाने में जुटे हैं। एसडीएम कर्नलगंज ने क्षेत्र की सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की है।इनसेट

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सोमवार को नदियों का जलस्तरनदी खतरे का निशान जलस्तरघाघरा 106.07 105.65सरयू 92.73 91.98घाघरा नदी में डिस्चार्ज पानी-156265नोट: यह आंकड़े बाढ़ कार्यखंड से जुटे गये हैं, जो शाम चार बजे तक के हैं।

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लापरवाही बढ़ा सकती है मुसीबत

-एल्गिन-चरसड़ी तटबंध को सुरक्षित करने के लिये 7.44 करोड़ रुपये की लागत से स्परों के निर्माण करवाये जाने की

योजना बनाई थी। यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन को मरम्मत का कार्य दो माह के अंदर 15 जून तक पूरा करवाने की जिम्मेदारी

सौंपी थी। निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था को 2.20 करोड़ रुपये दिये भी जा चुके थे। तटबंध को बचाने के लिए तैयार होने वाले स्परों का कार्य बहुत ही धीमी गति शुरु हुआ। जिससे 15 जून तक स्परों पर कार्य पूरा नही हो सका। विभाग ने स्परों की पटाई करवा कर उसके नोज पर व दोनो साइड में बालू से भरी जिओ ट्यूब डलवाने की योजना बनाई थी। कार्य भी प्रारंभ हुआ, स्परों के दोनो साइड व नोज पर ट्यूब बिछा कर नदी में हाइमर मशीने भी लगाई गईं। जिससे ट्यूब में बालू भरने का काम भी शुरू हुआ। लेकिन कार्य बहुत ही कम संसाधन व धीमी गति से करवाये जा रहे थे, जिससे स्परों का कार्य समय से पूरा नही हो सका। 28 जून तक 6 में से एक भी स्पर बन कर तैयार नही हो पाये।इनसेटबढ़ा पानी, ठप हुआ काम

-तहसील क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुर निवासी हनुमान बली ¨सह कहते हैं कि नदी में पानी का दस्तक होते ही बांध के बचाव कार्य पर विराम लग गया है। जिससे स्परों के साथ ही बांध पर खतरा मड़राने लगा है। यदि बचाव कार्य में तेजी नही लाई गई तो बांध को बचापाना मुश्किल हो जायेगा। ग्राम पूरे अजब के प्रधान अनिरूद्ध पांडेय कहते हैं कि क्षेत्र की जनता को अब बाढ़ की त्रासदी झेलनी ही पड़ेगी। पानी बढ़ने से तटबंध को खतरा पैदा हो गया है। सतीश चंद्र यादव कहते हैं कि स्पर बनाने वाली संस्था यूपीपीसीएल के अधिकारियों की उदासीनता के कारण स्परों का कार्य पूरा नही हो सका है। राम शंकर यादव कहते हैं कि स्परों के निर्माण पर व्यय हुई धनराशि बेकार हो गई। कई जियो ट्यूब बह गये हैं और जो बचे हैं वह भी बहने के कगार पर हैं।

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9.2 मिलीमीटर हुई बारिश-सोमवार को जिले के विभिन्न इलाकों में 9.25 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। लाल बहादुर शास्त्री कृषि विज्ञान केंद्रगोपालग्राम के कृषि वैज्ञानिक डा. उपेंद्रनाथ ¨सह ने बताया कि अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री व न्यूनतम 25.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शाम चार बजे तक 9.25 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई।

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“स्परों का मरम्मत कराने वाली संस्था एक भी स्पर कंपलीट नही करवा सकी, सभी स्पर अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि प्रति दिन मैं कार्य की निगरानी करता रहा, कार्य काफी मंद गति से करवाया जा रहा था। जियो ट्यूबों को बहने की बात उन्होंने स्वीकारी। लेकिन उन्होंने कहा कि बांध हमारा सुरक्षित है उस पर किसी भी प्रकार का कोई खतरा नही है।''

- प्रभाकर ¨सह, अवर अभियंता बाढ़ कार्यखंड

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“जलस्तर कम होने से कटान तेज हो गई है। एल्गिन-चरसड़ी तटबंध के स्पर नंबर एक से तीन तक स्थिति संवेदनशील बनीहुई है। बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है। फिलहाल, स्थिति सामान्य है,

तटबंध पूरी तरीके से सुरक्षित है। ''-वीके ¨सह, एसडीएम कर्नलगंज गोंडा


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