गरजे बैंक कर्मी, 30 को करेंगे हड़ताल
गोंडा: बढ़ते बोझ तले ग्रामीण बैंक अधिकारी व कर्मचारी कुछ सहुलियत चाह रहे हैं लेकिन बात बन नहीं रही ह
गोंडा: बढ़ते बोझ तले ग्रामीण बैंक अधिकारी व कर्मचारी कुछ सहुलियत चाह रहे हैं लेकिन बात बन नहीं रही है। बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आंदोलन का ही रास्ता बचा है। 11 सूत्रीय मांग को लेकर ग्रामीण बैंक 30 जून को हड़ताल पर रहेंगे। रविवार को एक निजी होटल सभागार में आयोजित सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के प्रांतीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि नेशनल फेडरेशन के अध्यक्ष सगुण शुक्ल ने हड़ताल की घोषणा की।
शुक्ल ने कहा कि तीन दशक से काम कर रहे दैनिक वेतन मजदूरी को स्थाई नहीं किया गया। ग्राहक संख्या के आधार पर स्टाफ नहीं है। बैंक का अधिकारी व कर्मचारी काम के बोझ तले पिस रहा है। उसकी जरूरत को सरकार नजरअंदाज कर रही है। मृतक आश्रित को नौकरी देने का निर्धारण 2014 में हो चुका है लेकिन आरआरबी ने लागू नहीं किया। दस हजार स्टाफ सेवानिवृत्त हो चुका है। 2018 तक 35000 लोग सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वेतन में पूर्ण समानता लागू नहीं किया जा रहा है। पेंशन कोष बनाने के नाम पर अवैध वसूली को रोका जाए। महासचिव वेंकटेश्वर रेड्डी ने कहा कि 25000 स्टाफ की जरूरत है लेकिन सरकार भर्ती नहीं कर रही है। पूंजीवादी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। सर्वेश तिवारी ने कहा कि ग्रामीण बैंकों में ग्रेच्युटी भुगतान में समानता बरती जाए। कन्हैया लाल गौड़ ने कहा कि पदोन्नति का काम समान रूप से किया जाए। शैलेंद्र बहादुर ¨सह ने कि बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी का परिणाम है कि तीस जून को बैंक में तालाबंदी रहेगी। सम्मेलन में 12 जिलों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।