चेहरा दिखाकर गायब बीज कंपनियां
गोंडा: संकर बीज की खरीद पर मिलने वाली अनुदान की राशि भेजने के लिए संचालित की जा रही पारदर्शी किसान
गोंडा: संकर बीज की खरीद पर मिलने वाली अनुदान की राशि भेजने के लिए संचालित की जा रही पारदर्शी किसान सेवा योजना बेपटरी हो गई है। किसानों को उन्नतिशील बीज वितरण के लिए नामित की गई कंपनियां शुरुआत में चेहरा दिखाने के बाद गायब हो गई। हैरत की बात तो ये है कि विभाग उन्नतिशील बीज देने का तो दावा कर रहा है, लेकिन जब बीज कपंनियां ही गायब हैं तो किसानों को बीज उपलब्ध कराने का दावा बेमानी है। गर्मी का सितम, ऐसे में धान की नर्सरी डालने के लिए किसान बीजों के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
केस-1
समय:11.30 बजे
स्थान:राजकीय कृषि बीज गोदाम बभनजोत
-कृषि बीज गोदाम पर सुबह से ही किसान बीज के लिए आने लगे थे, दोपहर तक कोई भी कंपनी का कर्मचारी नहीं आया। एडीओ कृषि राम बदल मौर्य ने बताया कि कंपनी के प्रतिनिधि ने एक मई से पांच मई तक स्टॉल लगाया था, लेकिन एक भी किसानों को बीज उपलब्ध नहीं कराया गया। स्टॉल न लगने के कारण किसान संकर बीज की खरीददारी निजी विक्रेताओं के यहां से कर रहे हैं। सूचना अधिकारियों को दी गई है।
केस-2
समय:12.00 बजे
स्थान:राजकीय कृषि बीज गोदाम नवाबगंज
-कृषि बीज गोदाम पर दोपहर तक न तो कोई कर्मचारी नजर आया और न ही कंपनी का प्रतिनिधि। गोदाम में ताला लटकता हुआ पाया गया। किसान राम मनोरथ, छोटेलाल आदि ने बताया कि यहां कोई भी कंपनी वाला बीज लेकर नहीं आया, हम लोग प्राइवेट दुकान से बीज की खरीदारी कर रहे हैं। जिससे दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।
इनसेट
किसानों की मजबूरी
-धानेपुर क्षेत्र के किसान अजय कुमार व तुलाराम का कहना है कि गोदाम पर कुछ ही प्रजातियों के बीज उपलब्ध हैं, अन्य प्रजातियों के बीज के लिए दिक्कतें आ रही हैं। बभनजोत ब्लाक की ग्राम पंचायत गौराबुर्जुग के किसान यूनुस का कहना है कि न तो बीज मिल पा रहा है और न ही अन्य सुविधायें। भददौभीट के किसान तिलकराम यादव का कहना है कि बीज के लिए एक सप्ताह से गोदाम के चक्कर लगा रहे हैं। नर¨सह व रामकरन का कहना है कि कंपनी वाले चेहरा दिखाकर चले गये, बीज निजी विक्रेताओं के यहां से महंगे रेट पर बीज खरीदनी पड़ रही है।
इनसेट
“ब्लाक स्तरीय राजकीय कृषि बीज गोदामों पर कंपनी के प्रतिनिधियों को बीज वितरण के लिए स्टॉल लगाने के निर्देश 31 मई तक दिये गये थे। यदि कपंनियों ने स्टॉल नहीं लगाया है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जायेगा। इस संबंध में उप निदेशक कृषि से रिपोर्ट मांगी जा रही है।''
-आरसी शुक्ल, संयुक्त कृषि निदेशक
प्रस्तुति : राहुल शुक्ल, महादेव सागर व सुशील श्रीवास्तव