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हे भगवान, अस्पतालों को दो संजीवनी

गोंडा: केस एक - मोतीगंज के बेलवा खजुरी गांव निवासी बैजनाथ शर्मा को 22 मई को जिला अस्पताल में भर

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2015 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 10:00 PM (IST)
हे भगवान, अस्पतालों को दो संजीवनी

गोंडा:

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केस एक

- मोतीगंज के बेलवा खजुरी गांव निवासी बैजनाथ शर्मा को 22 मई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें मारपीट में चोट लगी हुई थी। पहले दिन हड्डी के एक डॉक्टर ने उन्हें देखा, दूसरे दिन दूसरे ने। इसके बाद दो दिनों तक किसी भी डॉक्टर ने उन्हें देखा तक नहीं। बुधवार को जब उनके परिजनों ने नाराजगी जताई तो आनन फानन में यहां के चिकित्सकों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया।

केस दो

- अशरफपुर गांव निवासी शकुंतला देवी सीएचसी मनकापुर इलाज के लिए गई हुई थी। वह पेट दर्द से परेशान थी। डॉक्टर को दिखाने के बाद भी जब उसे आराम नहीं हुआ तो वह फर्श पर ही लेट गई। अस्पताल प्रशासन ने उसे भर्ती तक कराने की आवश्यकता नहीं महसूस की।

मरीजों का दर्द बयां करती यह तस्वीरें जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का सच उजागर कर रही हैं। मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में सुबह आठ बजे से ही पर्चा बनवाने के लिए मरीजों की लाइन लग जाती है। सबसे ज्यादा मरीज डायरिया व अन्य मौसम जनित बीमारियों के मरीज आ रहे हैं। बुधवार को सबसे ज्यादा भीड़ बाल रोग विभाग में देखने को मिली। यहां पर तैनात डॉक्टर परेशान दिखे। चिल्ड्रेन वार्ड भी फुल है। बच्चों को अन्य वार्डों में शिफ्ट किया जा रहा है। महिला वार्ड के साथ ही अन्य वार्डों में भी मरीजों की भीड़ का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने लगा है। सबसे ज्यादा परेशानी पेयजल को लेकर है। सिर्फ एक पानी की टंकी चलने के कारण मरीजों को पानी की बोतल भरने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ रही है।

इनसेट

- सीएचसी मनकापुर महज तीन डॉक्टरों के दम पर चल रही है। यहां पर एक भी महिला डॉक्टर नही है। सुजाता सोनी का कहना है कि महिला चिकत्सक न होने से पुरुष डाक्टर से इलाज कराना मजबूरी है। मीना ने कहा कि अस्पताल में महिलाओ को काफी लज्जित होना पड़ता है। रवि मिश्र का कहना है कि ग्यारह चिकित्सकों के सापेक्ष मात्र तीन चिकित्सक ही तैनात है। प्रेम कुमारी जयसवाल का कहना है कि बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती होनी चाहिए। यहां पर संक्रामक सेल पर ताला लटकता मिला। बच्चों की दवाएं बी कांपलेक्स नहीं मिली।

क्या बोले जिम्मेदार- जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आशुतोष गुप्ता का कहना है कि मरीजों को कोई परेशानी न होने पावें, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. केएन गुप्ता का कहना कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जा रहा है।


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