दलालों पर निगरानी को होमगार्डों का सहारा
गोंडा: दलालों से परेशान स्वास्थ्य महकमे ने अब जिला महिला अस्पताल में निगरानी के लिए होमगार्ड जवानों
गोंडा: दलालों से परेशान स्वास्थ्य महकमे ने अब जिला महिला अस्पताल में निगरानी के लिए होमगार्ड जवानों की तैनाती का फैसला किया है। इसके लिए विभागीय अधिकारी व्यवस्था पूरी करने की योजना बनाने का दावा कर रहे हैं।
जिला महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दलालों की सक्रियता किसी चुनौती से कम नहीं है। विभिन्न निजी अस्पतालों के दलाल यहां पर दिन भर जमे रहते हैं। यह दलाल मौका पाते ही मरीज को बहला फुसलाकर निजी अस्पताल में लेकर चले जाते हैं। जिससे मरीजों का आर्थिक शोषण होता है। महिला अस्पताल में कुछ दलाल तो अपने आपको आशा बताते हुए घूमती रहती है। सीएमएस डॉ अनिल ¨सह भी महिला दलालों की सक्रियता को स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि दलालों से मुक्ति दिलाने के लिए कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया। कोई सुधार नहीं हुआ। अब यहां पर होमगार्ड की तैनाती की जाएगी। जिनके माध्यम से सुरक्षा पर नजर रखने के साथ ही दलालों पर अकुंश लगाया जाएगा। जिससे महिला मरीजों को कोई परेशानी न हो।
हो चुकी है कार्रवाई
- जिला महिला अस्पताल से मरीजों को बाहर दूसरे अस्पतालों में ले जाने के मामले में तत्कालीन डीएम डॉ. रोशन जैकब ने सात आशाओं को बर्खास्त कर दिया था। हालांकि बाद में इन्हें बहाल कर दिया गया। यहीं नहीं पूर्व सीएमओ ने महिला अस्पताल में छापेमारी की थी।
उठते सवाल
- महिला अस्पताल में सुबह से लेकर शाम तक गेट से लेकर ओपीडी व डिलीवरी रूम तक दलालों का सक्रियता के बावजूद भी अधिकारी अंजान बने हुए हैं। सीएमएस भी बेबस है। वह कहते हैं कि डीएम व एसपी को कई पत्र लिखा, अब हम क्या करें।