कुदरत की मार से कंगाल हो गया धरती का भगवान
गोंडा: किसानों के लिए रबी की बुवाई इस बार घाटे का सौदा साबित होगी। मौसम की मार के बाद कृषि विभाग के
गोंडा: किसानों के लिए रबी की बुवाई इस बार घाटे का सौदा साबित होगी। मौसम की मार के बाद कृषि विभाग के आकलन में गेहूं उत्पादन को इस बार जबरदस्त झटका लगा है। हालात ये हैं कि गेहूं उत्पादन में जिले का औसत पिछले वर्ष से कम से कम दो ¨क्वटल प्रति हेक्टेयर कम हो सकता है। जिससे किसानों की पूंजी भी वापस नहीं लौटेगी। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में 2.01 लाख हेक्टेयर में रबी की बुवाई हुई थी, जिसमें से सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में किसानों ने गेहूं की बुवाई की थी। रबी 2014 में जिले का गेहूं उत्पादन का औसत 12 ¨क्वटल प्रति एकड़ था, जो इस बार महज 10 ¨क्वटल के आसपास रहने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। मौसम का रुख थोड़ा ठीक होने के बाद किसान खेतों में बची फसलों को निकालने में जुटे हैं। अभी तक जिला प्रशासन मौसम की मार से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे करा रहा है। सोमवार को दैनिक जगारण टीम ने बभनजोत ब्लाक के ग्राम गौराबुर्जुग में किसानों से बातचीत की। पेश है एक रिपोर्ट:
..ऐसे तो पड़ जायेंगे रोटी के लाले
-जिले के पिछड़े इलाके में शुमार बभनजोत इलाके में 3 अप्रैल की रात किसी कयामत से कम नहीं थी। कुदरत का कहर इस कदर बरपा कि यहां के किसान कराह उठे। तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश से गेहूं सहित अन्य फसलों ने जमीन पकड़ लिया। यहां के किसान आज भी वह दिन याद करके सहम जाते हैं। यहां के किसान हृदयराम का कहना है कि बैंक से केसीसी लेकर गेहूं की बुवाई की थी, लेकिन भगवान को शायद हमारी खुशी मंजूर नहीं थी। राम मिलन कहते हैं कि इस बार मुनाफे की कौन कहे पूंजी भी डूब गई। न तो गेहूं मिला और न ही भूषा। सावित्री देवी का कहना है कि सबकुछ बर्बाद हो गया, लगता है इस बार दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल हो जायेगा। किशारी देवी का कहना है कि खेतों में बची फसलों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जो कुछ मिलेगा, थोड़ी राहत तो मिलेगी। शासन की तरफ से तो अभी तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।
600 रुपये बीघा होगा नुकसान
- गेहूं की फसल तैयार करने के लिए किसान को खाद, बीज, पानी आदि पर प्रति बीघा 3500 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, इसबार प्रति बीघा औसत उत्पादन दो ¨क्वटल का है। गेहूं मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं का मूल्य 1450 रुपये प्रति ¨क्वटल तय किया गया है। दो ¨क्वटल गेहूं की बिक्री पर 2900 रुपये मिलेंगे, जबकि लागत 3500 रुपये है। किसानों को प्रति बीघा करीब 600 रुपये का नुकसान होगा।
जिले में बोई गई रबी की फसल
फसल क्षेत्रफल
गेहूं 154225
मसूर 20477
तोरिया 13785
राई/सरसो 8358
मक्का 1050
मटर 2661
चना 499
जौ 550
अलसी 66
नोट: क्षेत्रफल हेक्टेयर में है।
जिले में गेहूं का उत्पादन रबी 2014 में 12 ¨क्वटल प्रति एकड़ था, जो इस बार 10 ¨क्वटल के आसपास रहने का अनुमान है। मौसम की मार से गेहूं उत्पादन में ज्यादा कमी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। ''
-श्रवण कुमार, उप निदेशक कृषि गोंडा