गोद क्या मिली छिन गया नौनिहालों का 'निवाला'
गोंडा: मासूमों की बदकिस्मती कहें या फिर विभाग की लापरवाही। राज्य पोषण मिशन का शुभारंभ करके गांवों को
गोंडा: मासूमों की बदकिस्मती कहें या फिर विभाग की लापरवाही। राज्य पोषण मिशन का शुभारंभ करके गांवों को कुपोषण मुक्त करने का सपना संजोने वाली सरकार की उम्मीदों पर विभाग ही पानी फेर रहा है। आलम ये है कि गांवों में नौनिहालों को बेहतर सुविधाओं की बात कौन कहे अधिकारियों के गांव गोद लेने के बाद पोषक आहार के रूप में मिलने वाला हॉटकुक्ड भी बंद हो गया। बाल विकास विभाग की मनमानी के चलते 15 बाल विकास परियोजनाओं में हॉटकुक्ड योजना ठप हो गई। योजना का संचालन कर रही स्वंयसेवी संस्थाओं ने पैसा न मिलने पर आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए योजना के संचालन से हाथ खड़े कर लिये। जिससे करीब सवा दो लाख मासूमों को आंगनबाड़ी केंद्रों से भूखे पेट लौटना पड़ रहा है। जिले में कार्य कराने वाली आठ स्वंय सेवी संस्थाओं ने योजना का संचालन बंद कर दिया है। वहीं, अधिकारी मामला निदेशालय स्तर पर लंबित होने की बात कह रहे हैं। पेश है एक रिपोर्ट:
यहां बंद हुई हॉटकुक्ड योजना
-बाल विकास परियोजना झंझरी, पंड़रीकृपाल, रुपईडीह, इटियाथोक, मुजेहना, कर्नलगंज, परसपुर, हलधरमऊ, कटराबाजार, मनकापुर, छपिया, बभनजोत, नवाबगंज, बेलसर व शहर।
जिले में परियोजनावार बच्चे
परियोजना बच्चे
पंड़रीकृपाल 8872
बेलसर 20209
बभनजोत 16997
छपिया 16434
हलधरमऊ 13015
इटियाथोक 13854
झंझरी 19580
कर्नलगंज 15031
कटराबाजार 17110
मनकापुर 15391
मुजेहना 15592
नवाबगंज 14087
परसपुर 17468
रुपईडीह 18204
तरबगंज 10986
वजीरगंज 13489
शहर 10394
नोट: हॉटकुक्ड योजना“के तहत 3-6 वर्ष तक के बच्चों को आहार दिया जाता है।
इनसेट
भुगतान न होने के कारण आठ स्वंयसेवी संस्थाओं ने कार्य करने में असमर्थता जताई है, इस संबंध में मामले की रिपोर्ट बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक को भेजी गई है। शासन स्तर से तय होने के बाद ही योजना के संचालन का रास्ता साफ हो सकेगा। ''
-मनोज कुमार राव, जिला कार्यक्रम अधिकारी गोंडा