'कड़वी दवा' से अच्छे दिन का भरोसा
गोंडा: शहर के आवास विकास कालोनी में शनिवार को शिप्रा ¨सह के घर पर बजट को लेकर बहस का दौर चल रहा था।
गोंडा: शहर के आवास विकास कालोनी में शनिवार को शिप्रा ¨सह के घर पर बजट को लेकर बहस का दौर चल रहा था। आरती पांडेय का कहना था कि कालाधन को लेकर सरकार ने जो पहल की है, उसका असर जरूर पड़ेगा। जब विदेशों में जमा हमारे देश का धन आ जायेगा, तो तस्वीर अपने आप बदल जायेगी। विकास भी दिखेगा, महंगाई भी दूर होगी। कल्पना ¨सह व मोनिका पाठक भी इससे सहमत नजर आई। दिव्यानी श्रीवास्तव का कहना था कि बात तो सही है, लेकिन होटल में खाना पीना महंगा हो गया है। अस्मिता वर्मा का कहना था कि इस बजट में मेक इन इंडिया की झलक दिख रही है, थोड़ा समय लगेगा, लेकिन तस्वीर बदलेगी। इससे इतर मालवीय नगर की अर्चना ¨सह रसोई में काम करने में मग्न थीं, लेकिन उनकी निगाहें बजट पर ही टिकीं हुई थीं। महिलाओं के लिए कई नई योजनाएं शुरू होने व उनकी सुरक्षा को लेकर किये गये प्रयास से वह खुश दिखीं। गुरुद्धारा के समीप रह रहे केबी ¨सह तो गरीबों के लिए बीमा योजना शुरू करने व अटल पेंशन योजना से काफी प्रसन्न नजर आये।
शनिवार को घर हो या दफ्तर, होटल हो या नुक्कड़, किचेन हो या ड्राइंग रूम..हर ओर बस केंद्र सरकार के बजट की चर्चा रही। मोदी सरकार के बजट में वैसे कई नई योजनाएं शुरु की गई है, लेकिन कर्मचारी पेशा नाखुश नजर आया। इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ने की उम्मीद संजोये कर्मियों को कोई राहत नहीं मिली है। वैसे किसानों व महिलाओं के साथ ही कारपोरेट के लिए कई रियायतें दी गई हैं। व्यापारी नेता आदित्य पाल का कहना है कि जीएसटी लागू होने से व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी, महंगाई कम होगी। शमा का कहना है कि बजट में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर प्रयास किये गये हैं। अस्पताल में विस्तार की बनाई गई योजना से लोगों को बेहतर सेवा मिल सकेंगी।
इनकी सुनिये
तर्क अपने-अपने
- कर्मचारी नेता डॉ. सालिक राम त्रिपाठी का कहना है कि इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जिससे कर्मचारियों को निराशा हुई है।
व्यवसायी गौरव ¨सह का कहना है कि चार साल में कारपोरेट टैक्स घटाने का ऐलान होने से राहत मिली है। इसके साथ ही व्यावसायिक विवादों को लेकर नया कानून बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिससे निवेशकों को काफी राहत मिलेगी।
बुजुर्ग बेलावती का कहना है कि आम बजट में अटल पेंशन योजना शुरू की गई है, जो बुजुर्गों के लिए किसी सहारे की सीढ़ी से कम नहीं है। इससे जहां आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, वहीं गरीबी सहित अन्य समस्याएं दूर हो सकेंगी। गांवों के विकास के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना का जट आवंटित करने के साथ ही कई अन्य प्रयास किये गये हैं।
युवा अमित पांडेय का कहना है कि कालेधन पर सरकार ने बिल लाने का ऐलान किया है, जिससे काफी सुधार होगा। इससे विदेशों में जमा धन वापस आने से देश में महंगाई से लोगों को निजात मिल सकेंगी। साथ ही बजट में युवाओं के विकास के लिए कई कार्यक्रम है, जिससे रोजगार मिलेगा।
गृहणी ऊषा गुप्ता का कहना है कि सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए एक कवच का काम करेगी। सरकार ने बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा है। सुरक्षा पर भी ध्यान दिया है।
शिक्षिका जया पांडेय का कहना है कि बजट में सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नये स्कूल खोलने का जो प्रस्ताव किया है, उससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा। अब “रीबों के बच्चों को भी गांव में बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।