एक दर्जन दवाओं की बिक्री पर रोक
गोंडा: छत्तीसगढ़ में नसंबदी के दौरान महिलाओं की मौत के मामले को लेकर भारत सरकार अब एक दर्जन दवाओं की
गोंडा: छत्तीसगढ़ में नसंबदी के दौरान महिलाओं की मौत के मामले को लेकर भारत सरकार अब एक दर्जन दवाओं की बिक्री व वितरण पर रोक लगा दी है। औषधि विभाग को मिले इस आदेश के बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों से लिए गएदवाओं के नमूनों की आई जांच रिपोर्ट में दो में जारी की गई सूचनाओं में कमी पाई गई है।
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में नसबंदी के दौरान एक दर्जन से अधिक महिलाओं की मौत का मामला आया था। जिसकी जांच में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। इस मामले को लेकर भारत सरकार ने अब बचाव की कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को औषधि प्रशासन को भारत सरकार का एक पत्र मिला, जिसमें आरएल 108 व 107 बैच नंबर का इंजेक्शन लिग्नोकेन एचसीएल, ए 0033 बैच नंबर का एफजारकथेन काटन, जेडई 179 बैच का जिलोनलोशन, सीपीजेड 1302 बैच का डायजीपाम इंजेक्शन, ई 130802 बैच का पोवोडीन आयोडीन, 015381406 बैच का सर्जिकल स्प्रिट, एम 14114 बैच का पेटाजोसिन लेक्टिट, सीएटी 1302 बैच का एट्रोपीन सल्फिट, एडी 1401 बैच का एडनायलीन इंजेक्शन, सीडी 14101 बैच का सिप्रोसिन तथा टीटी 450413 बैच का आई ब्रूफेन टैबलेट के वितरण व ब्रिकी पर रोक लगा दी गई है। औषधि निरीक्षक हेमेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि भारत सरकार का पत्र मिल गया है, जिसका अनुपालन कराने की कार्रवाई की जा रही है।
दो नमूने मिस ब्राडेंड
- सरकारी अस्पतालों से लिये गये दो दवाओं के नमूने जांच में मिस ब्राडेंड पाये गये, जिसमें दवाओं के ऊपर दी जाने वाली सूचनाएं मानक के अनुरुप नहीं थी। इस पर कार्रवाई की जा रही है।
मांगी रिपोर्ट
- दवाओं के नमूनों में मिलीं कमियों पर अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जा रही है। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।