स्वच्छता अभियान की टांग खींच रही पालिका
गोंडा : भारत निर्मल अभियान में स्वच्छता की टांग नपाप खींच रहा है। कारण वेतन न मिलने से सफाईकर्मियों
गोंडा : भारत निर्मल अभियान में स्वच्छता की टांग नपाप खींच रहा है। कारण वेतन न मिलने से सफाईकर्मियों में सफाई के प्रति बेरुखी दिख रही है। इससे नपाप अध्यक्ष के शहर के सफाई का सपना कागजी साबित हो रहा है। कूड़ा गाड़ियों की संख्या 22 कागजों में हैं लेकिन चलने वाली गाड़ियों की संख्या आधी से कम है। इनमें दर्जन भर खराब पड़ी हैं। कूड़ेदान से कूड़ा समय से नहीं उठ पा रहा है।
मंडल मुख्यालय की नगर पालिका परिषद अव्यवस्थाओं व अराजकता से बे मकसद साबित हो रही है। सफाई अभियान के लिए नपाप अध्यक्ष निर्मल श्रीवास्तव ने पहले दिन गांधी पार्क, दूसरे दिन जिला अस्पताल व तीसरे दिन रोडवेज के पास सफाई की लेकिन इनके अभियान का असर शहर में नहीं दिखा। कारण जुलाई से 171 दैनिक सफाई कर्मियों को वेतन नहीं मिला। अक्टूबर से नियमित सफाईकर्मियों को वेतन नहीं मिला। इसका असर सफाई कार्यो पर सीधे दिखाई पड़ा। गुरुवार को शहर के प्रमुख स्थानों पर कूड़े के ढेर मिले। आजाद नगर कालोनी, आवास विकास कालोनी, नैययर कालोनी, रकाबंज, इमामबाड़ा, मालवीय नगर, पटेलगनर, राजामोहल्ला, राजेंद्र नगर, पंत नगर , साहबगंज, गरीबीपुरवा, सिविल लाइन इलाकों के कूड़ेदान खाली नहीं हो पाये। साफ-सफाई चौपट मिली। जिन स्थानों पर अध्यक्ष ने झाड़ू लगाया, वहां भी सफाई नहीं मिली। यहां पर 27 बड़े कूड़ादान व 100 छोटे कूड़दान रखे हैं लेकिन नपाप इनकी देख-रेख नहीं कर पा रही है। कुल मिलाकर सफाई अभियान का असर यहां नहीं दिख रहा है।
अधिशासी अधिकारी की कुर्सी खाली
गोंडा: अधिशासी अधिकारी आरडी बाजपेई का तबादला अगस्त में हो गया। नवंबर में राजपाल नये अधिशासी अधिकारी आये तो दस दिन में चले गये। अब एक महिला की तैनाती हुई लेकिन उसने योगदान नहीं किया। इससे नपाप कार्यालय व जलकल कार्यालय अराजकता का शिकार है।
क्या कहते हैं सिटी मजिस्ट्रेट
गोंडा : सिटी मजिस्ट्रेट डॉ चतुर्भुजी गुप्त का कहना है कि नपाप की व्यवस्था चौपट है। इसके लिए स्वास्थ्य निरीक्षक व अवर अभियंता को सफाई के लिए निर्देश दिया गया है।