हड़ताल में काम करने वाले अधिवक्ता फंसे
गोंडा : हड़ताल में काम करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ बार एसोसिएशन ने सख्त रूख अख्तियार किया है। ऐसे ए
गोंडा : हड़ताल में काम करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ बार एसोसिएशन ने सख्त रूख अख्तियार किया है। ऐसे एक दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। साथ ही अधिवक्ताओं ने कलमबंद हड़ताल अनवरत जारी रखने का फैसला लिया है। शनिवार को पांचवें दिन भी अधिवक्ता हड़ताल पर रहे। इससे वादकारियों को भी बैरंग वापस लौटना पड़ा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बार एसोसिएशन सभागार में अधिवक्ता संगठनों की संयुक्त बैठक बार एसोसिएशन अध्यक्ष रविचन्द्र त्रिपाठी, सिविल बार एसोसिएशन अध्यक्ष जीपी मिश्र, फौजदारी बार एसोसिएशन अध्यक्ष रवि प्रकाश पांडेय, महामंत्री अनिल कुमार सिंह व विजय कुमार श्रीवास्तव की मौजूदगी में हुई। सदन में राधेश्याम मिश्र, विन्देश्वरी प्रसाद दूबे, कौशलेंद्र मिश्र, सीजी सहाय, गोकरननाथ पांडेय, इंद्रजीत सिंह, गंगा प्रसाद मिश्र, भगौती प्रसाद पांडेय, उमेश चंद्र श्रीवास्तव, वेद प्रकाश दूबे, रामकृपाल शुक्ल, इन्द्रमणि शुक्ल, रामबुझारत दूबे, मायाशंकर श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे। अधिवक्ताओं ने कहा कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए कलेक्ट्रेट व सिविल परिसर को पुलिस छावनी में बदलकर भय का वातावरण बनाया गया। पूरे आंदोलन को पुलिस बनाम अधिवक्ता बना देने के कुत्सित प्रयासों की कड़ी निंदा की गई। निर्णय किया गया कि जब तक न्यायिक अधिकारी व उपसंचालक चकबंदी के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक यहां आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। इससे पहले कलेक्ट्रेट व सिविल परिसर में जुलूस व धरना प्रदर्शन करते हुए सभी अधिवक्ता पूरी तरह कलमबंद हड़ताल पर रहे।
एक दर्जन वकीलों को नोटिस
- बैठक में आंदोलन के दौरान काम करने वाले एक दर्जन अधिवक्ताओं को नोटिस जारी कर 27 अक्टूबर तक स्पष्टीकरण तलब किया है कि आदोलन के दौरान काम करके आंदोलन को कमजोर करने के षड़यंत्र में शामिल होने के कारण क्यों न उनका नाम बार एसोसिएशन एवं सिविल एसोसिएशन की सदस्यता व अधिवक्ता आपदा राहत समिति से काट दिया जाए।