लापरवाही में फंसे गोंडा सहित 35 जिले के डीपीआरओ
गोंडा: निर्मल भारत अभियान के तहत बेसलाइन सर्वे में ही गोंडा समेत 35 जिलों की हवा निकल गई, इसका खुलासा हाल ही में शासन स्तर पर हुई समीक्षा में हुआ है। फिलहाल, लापरवाही बरतने वाले डीपीआरओ पर शिकंजा कसते हुए निदेशक पंचायतीराज ने सर्वे में तेजी लाने के साथ ही लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भारत सरकार ने निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय की उपलब्धता जानने के लिए प्रत्येक परिवारों का बेसलाइन सर्वे कराने के साथ ही परिवारों के मुखिया का ब्यौरा विभाग की वेबसाइट पर करने का निर्देश जून माह में दिया था, इसके बाद सभी जिलों के डीपीआरओ को सर्वे कार्य पूरा करने का निर्देश दिये गये थे। लेकिन कहीं संसाधनों का अभाव तो कहीं अधिकारियों के रुचि न लेने से सर्वे की प्रगति काफी धीमी है। शासन ने सभी जिलों के अधिकारियों को प्रतिदिन 6000 लाभार्थियों की डाटा इंट्री करने का निर्देश दिया था। हाल में शासन स्तर पर हुई समीक्षा के दौरान गोंडा समेत 35 जिलों में डाटा इंट्री की रफ्तार प्रतिदिन एक हजार से भी कम पाई गई, जिसपर शासन ने नाराजगी जताई थी। निदेशक पंचायतीराज उदयवीर सिंह यादव ने गोंडा समेत अन्य जिलों के डीपीआरओ को सर्वे में तेजी लाने के साथ ही लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सर्वे की रेस में ये जिले हैं पिछड़े
-गोंडा, श्रावस्ती, फैजाबाद, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, लखनऊ, सीतापुर, चंदौली, रायबरेली, इलाहाबाद, बदायूं, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, ललितपुर, वाराणसी, इटावा, बागपत, बिजनौर, फर्रुखाबाद, अलीगढ़, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, मेरठ, बस्ती आदि।
''बेसलाइन सर्वे का कार्य लक्ष्य के अनुसार पूरा करने के निर्देश डीपीआरओ को दिये गये हैं, यदि लापरवाही बरती गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जायेगी।''
-जयंत कुमार दीक्षित सीडीओ गोंडा