ईडी ने घोटालेबाजों पर कसा शिकंजा
गोंडा: प्रवर्तन निदेशालय ने मनरेगा घोटाले से जुड़े अफसरों का ब्यौरा खंगालना शुरू कर दिया है। निदेशालय ने जांच की अवधि में तैनात रहे सीडीओ, पीडी सहित अन्य अफसरों का ब्यौरा तलब किया है। ग्राम्य विकास आयुक्त ने गोंडा व बलरामपुर जिले के सीडीओ को मांगी गई सूचनायें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जांच की जद में करीब पांच दर्जन अफसर आ सकते हैं।
बताते चलें कि मनरेगा घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने देवीपाटन मंडल के गोंडा व बलरामपुर जिले में हुई गड़बड़ियों को लेकर तत्कालीन डीएम, सीडीओ व पीडी सहित अन्य अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। जांच के बाद आय से अधिक संपत्ति की जानकारी मिलने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले की पड़ताल शुरू की थी। ईडी ने ग्राम्य विकास आयुक्त को पत्र भेजकर गोंडा व बलरामपुर जिले में वर्ष 2007 से 2010 के बीच तैनात रहे सीडीओ, पीडी डीआरडीए व बीडीओ के कार्यकाल, वर्तमान तैनाती के साथ ही संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है। ग्राम्य विकास आयुक्त प्रभात मित्तल ने गोंडा व बलरामपुर के सीडीओ को निर्धारित प्रारूप पर सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ईडी का शिकंजा जांच की अवधि में तैनात रहे करीब पांच दर्जन अफसरों पर कसने लगा है।
25 ब्लाकों के बीडीओ पर लटकी तलवार
-गोंडा जिले के झंझरी, पंड़रीकृपाल, रुपईडीह, मुजेहना, इटियाथोक, कर्नलगंज, परसपुर, कटराबाजार, हलधरमऊ, तरबगंज, बेलसर, वजीरगंज, नवाबगंज, मनकापुर, छपिया व बभनजोत, बलरामपुर जिले के श्रीदत्तगंज, हरैयासतघरवा, तुलसीपुर, बलरामपुर, पचपेड़वा, उतरौला, गैसड़ी, सहदुल्लानगर, रेहराबाजार।
जिलास्तरीय अधिकारियों पर भी जमीं नजरे
-ईडी की नजर जिलों में बीडीओ का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके जिला स्तरीय अधिकारियों पर भी जमी हुई हैं। कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने अपने विभागों की जिम्मेदारियों के साथ ही ब्लाकों में मनरेगा योजना के तहत कार्यो की मंजूरी दी है। पड़ताल के दौरान करीब आधा दर्जन अधिकारियों को भी जांच के दौर से गुजरना पड़ सकता है।
''प्रवर्तन निदेशालय ने जांच की अवधि में तैनात रहे क्लास वन व क्लास टू के अधिकारियों की तैनाती व संपत्ति का ब्यौरा मांगा है। इसके लिए संबंधित को पत्र जारी किये जा रहे हैं। ''
-वीरपाल, प्रभारी सीडीओ गोंडा