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घाघरा में समाया स्पर, तटबंध पर खतरा

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 11:20 PM (IST)
घाघरा में समाया स्पर, तटबंध पर खतरा

गोंडा: शुक्रवार को कटान की जद में आने से एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का एक स्पर घाघरा नदी में बहा गया, वहीं चार लोगों को भी अपना आशियाना गंवाना। कटान तेज होने से भिखारीपुर-सकरौर व एल्गिन-चरसड़ी दोनों तटबंधों पर खतरा बढ़ गया है। बाढ़ के पानी से 32 गांवों की 45632 आबादी अभी प्रभावित है, जबकि 155 परिवार राहत शिविर व तटबंधों पर डेरा डाले हुए हैं। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 11 व अयोध्या में सरयू नदी 3 सेमी नीचे पहुंच गई है।

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सरयू व घाघरा दोनों नदियों का जलस्तर भले ही घट रहा हो, लेकिन तटबंधों को खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार की सुबह एल्गिन चरसड़ी तटबंध का स्पर नंबर एक घाघरा नदी में बह गया, जबकि स्पर नंबर दो, तीन, चार, पांच व छह में भी कटान तेज हो गई है। वहीं कटान की रफ्तार बढ़ने से भिखारीपुर-सकरौर रिंग तटबंध पर खतरा मंडराने लगा है। कटान की जद में आने से तरबगंज तहसील के ऐली परसौली व जैतपुर में चार लोगों के घर सरयू नदी मे बह गये। बाढ़ के पानी से साखीपुर, दत्तनगर, गोकुला, दुर्गागंज, जैतपुर, माझाराठ, ब्यौंदामाझा आदि गांवों की 45 हजार आबादी घिरी हुई है। प्रशासन ने लोगों के आवागमन के लिए 153 नावें लगाई हैं।

''एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का एक स्पर कटने की सूचना मिली है। बाढ़ कार्यखंड के अधिकारियों को बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिये गये हैं, इसके साथ तरबगंज के एसडीएम को विस्थापित परिवारों को आवश्यक राहत सामग्री मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।''

-राकेश कुमार मालपाणी, एडीएम गोंडा

''एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का एक नंबर स्पर कटा है, लेकिन तटबंध पूरी तरीके से सुरक्षित है। अन्य स्परों को बचाने के लिए बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। ''

-राजीव कुमार सिंह, एक्सईएन बाढ़ कार्यखंड


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