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बंदियों को काम देने में गई प्रधानी, सचिव निलंबित

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 12:26 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 12:26 AM (IST)
बंदियों को काम देने में गई प्रधानी, सचिव निलंबित

गोंडा: जेल में निरुद्ध बंदी को मनरेगा योजना के तहत काम देने के आरोपों से घिरे गूंगीदेई के प्रधान जनार्दन यादव को पद से हटा दिया गया है, इसके साथ ही सचिव राकेश श्रीवास्तव को निलंबित करके ब्लाक मुख्यालय संबद्ध कर दिया गया है।

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मामला इटियाथोक ब्लाक की ग्राम पंचायत गूंगीदेई का है। मेहनौन विधायक नंदिता शुक्ल ने ग्राम पंचायत मनरेगा योजना के तहत जेल में निरुद्ध लोगों को काम देने का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत एक वर्ष पूर्व डीएम से की थी। डीएम के आदेश पर मामले की जांच जिला विकास अधिकारी से कराई गई थी। जांच के दौरान गांव के नरेंद्र सिंह व कुंवर यशवीर सिंह को जेल में निरुद्ध होने के बावजूद चार दिवस का काम देने की पुष्टि हुई थी। जिसपर ग्राम प्रधान, सचिव व रोजगार सेवक के खिलाफ 400 रुपये की रिकवरी का आदेश डीएम ने जारी किया था। जांच में दोषी मिलने के बाद डीएम ने ग्राम प्रधान जनार्दन को निलंबित करते हुए गांव में विकास के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। मामले में दोषी पाये जाने पर डीएम अजय कुमार उपाध्याय ने पंचायतीराज अधिनियम के तहत गूंगीदेई के ग्राम प्रधान जनार्दन यादव को पद से हटा दिया है। गांव में उप निर्वाचन तक विकास कार्य की जिम्मेदारी तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपी गई है। वहीं, डीपीआरओ प्रवीण मोहन श्रीवास्तव ने गूंगीदेई के सचिव राकेश श्रीवास्तव को निलंबित करने के साथ ही ब्लाक मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है।

गूंगीदेई में कब क्या हुआ

-14 व 15 जनवरी 2011 को नरेंद्र सिंह व कुंवर यशवीर सिंह को जेल में निरुद्ध होने के दौरान काम देने के साथ ही 400 रुपये का भुगतान किया गया।

-वर्ष 2013 में मेहनौन विधायक नंदिता शुक्ला ने डीएम से मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की।

-अप्रैल, 2013 में जिला विकास अधिकारी हीरा सिंह की जांच में फर्जी भुगतान का आरोप सही पाया गया।

-15 अप्रैल को सीडीओ ने ग्राम प्रधान के खिलाफ 134, सचिव 133 व रोजगार सेवक के खिलाफ 133 रुपये से वसूली के आदेश दिये।

-18 अप्रैल 2013 को ग्राम प्रधान, सचिव व रोजगार सेवक ने रिकवरी की धनराशि ग्राम पंचायत के मनरेगा खाते में जमा की।

-14 अगस्त 2013 को डीएम ने ग्राम प्रधान जर्नादन यादव को निलंबित करते हुए गांव में विकास कार्यो के संचालन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के साथ ही मामले की जांच के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम गठित की गई।

-31 मार्च 2014 को जांच टीम ने मामले की जांच रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी।

-डीएम के आदेश के विरुद्ध ग्राम प्रधान जनार्दन यादव ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद की खंडपीठ लखनऊ के समक्ष याचिका योजित की।

-24 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने आठ सप्ताह के भीतर ग्राम प्रधान के प्रार्थना पत्र को निस्तारित करने का आदेश दिया।

-24 मई को डीएम ने ग्राम प्रधान जर्नादन यादव को कारण बताओ नोटिस जारी की।

-26 मई 2014 को डीपीआरओ ने सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी की।

-26 जुलाई 2014 को डीएम ने ग्राम प्रधान जर्नादन यादव को पद से हटा दिया। इसी दिन डीपीआरओ ने सचिव राकेश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया।

कमेटी सभांलेगी कामकाज

गांव में ग्राम प्रधान के दायित्वों व कर्तव्यों का निर्वहन उप चुनाव तक करने के लिए ग्राम पंचायत सदस्यों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसमें प्रेमा पत्‍‌नी भगौती, अनिल कुमार पुत्र जगपाल व रोजअली पुत्र गोदे शामिल हैं।

एडीओ बेलसर करेंगे जांच

डीपीआरओ ने ग्राम पंचायत अधिकारी राकेश कुमार श्रीवास्तव के निलंबन की जांच सहायक विकास अधिकारी पंचायत बेलसर को सौंपी है। जांच अधिकारी को एक पक्ष के भीतर संबंधित कर्मचारी से जवाब लेकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।


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