मूल्यांकन की व्यवस्था न सुधरी तो होगा बहिष्कार
गोंडा : आखिरकार यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की कापियों का मूल्यांकन भी अव्यवस्थाओं के बीच रविवार से शुरू हो गया। बिजली न होने के कारण परीक्षक गर्मी से बिलबिलाते रहे, जिसके कारण परीक्षक बनियान पहनकर पसीना पोंछते हुए कापियों को जांचने में जुटे रहे। वैसे रविवार को भी कई परीक्षकों के पास कापियों से नोट निकले। इन सबके बीच जिले के दो केंद्रों पर अब तक तीस हजार कापियों का मूल्यांकन किया जा चुका है।
फखरुददीन अली अहमद राजकीय इंटर कालेज में इंटरमीडिएट बोर्ड की कापियों का मूल्यांकन शुरू हो गया है। यहां पर 86 उप प्रधान परीक्षकों में से सिर्फ 47 ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। ऐसे में अन्य टोलियों के परीक्षकों को कापिया का आवंटन कर दिया गया है। जीआइसी में मूल्यांकन के लिए नियुक्त किये गए पर्यवेक्षक सीबी सिंह ने बताया कि मूल्यांकन कार्य शुरू करा दिया गया है, जो उप प्रधान परीक्षक नहीं आए हैं, उनके स्थान पर नये परीक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि पहले दिन 9 हजार कापियों का मूल्यांकन हुआ है। इसके अलावा यहां पर परीक्षकों को बिजली की समस्या से दो चार होना पड़ा। जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। परीक्षकों को कपड़े निकालकर बनियान पहनकर कापियों का मूल्यांकन करना पड़ा। समस्याओं से नाराज उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री विनय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में परीक्षकों ने प्रदर्शन किया। जिला मंत्री ने आरोप लगाया कि जीआइसी मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षकों के बैठने की व्यवस्था बिल्कुल खराब है, किसी कमरे में न तो जंगला हैं, न ही खिड़की। सभी परीक्षक गर्मी से बेहाल है। उन्होने कहा कि अगर सोमवार तक मूल्यांकन कार्य की सारी व्यवस्थाएं पूरी नहीं की जाती है तो मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में सहदेव सिंह, पवन प्रताप सिंह, बाकर अली, अनिरूद्ध कुमार पांडेय, केडी शुक्ला, उषा सिंह, अनुपम सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
वहीं पर गांधी विद्यालय इंटर कालेज रेलवे कालोनी में दूसरे दिन भी हाईस्कूल की कापियों का मूल्यांकन होता रहा। यहां पर अब तक 21 हजार कापियों का मूल्यांकन कराया जा चुका है। अब तक तीस हजार कापियों का मूल्यांकन हो चुका है। वैसे रविवार को भी कई परीक्षकों को कापियों से नोट मिले हैं।