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गहमर बवाल में 12 उपद्रवी और हुए चिह्नित

जागरण संवादाता, गहमर (गाजीपुर): बालक की मौत के बाद थाने में तोड़फोड़ व अगजनी के मामले में पुलिस ने 12

By Edited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 04:47 PM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 04:47 PM (IST)
गहमर बवाल में 12 उपद्रवी और हुए चिह्नित
गहमर बवाल में 12 उपद्रवी और हुए चिह्नित

जागरण संवादाता, गहमर (गाजीपुर): बालक की मौत के बाद थाने में तोड़फोड़ व अगजनी के मामले में पुलिस ने 12 और उपद्रवियों को चिह्नित किया है। फोटो निकालने के बाद पुलिस उनकी तलाश शुरू कर दी है। वहीं घटना के चौथे दिन भी गांव में सन्नाटा पसरा रहा। चट्टी की दुकानें खुली थीं मगर भीड़ काफी कम दिखी। लोग पुलिस कार्रवाई के भय से घरों में दुबके रहे। ज्यादातर गांव के युवा घरों को छोड़कर फरार हैं।

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दरअसल, शनिवार की शाम दलित बस्ती के पास भूसी लदा ट्रक पलटने से बालक राजकुमार की मौत हो गई थी, जबकि उसकी चचेरी बहन प्रियंका समेत तीन अन्य घायल हो गए थे। दुर्घटना के बाद भीड़ उग्र हो गई और थाने पर हमला बोलकर सरकारी जीप, थाने में खड़ी बाइकों समेत तीन ट्रक को आग के हवाले कर दिया। सूचना पर पहुंची जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री व पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे मामले की जांच-पड़ताल के बाद सीसीटीवी फुटेज देखे। उपद्रवियों की पहचान होने के बाद पुलिस 15 लोगों को गिरफ्तार कर थाने लाई और पूछताछ के बाद सोमवार को जेल भेज दिया।

चौथे दिन भी लगी रही लंबी कतार

बारा : गहमर में हुए बवाल के बाद पुलिस द्वारा ओवरलोड वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने से मंगलवार को भी ट्रकों की लंबी कतार लगी रही। बारा पुलिस चौकी से लेकर बक्सर और चौसा गोला तक सड़क के दोनों ओर ट्रक जहां-तहां खड़े हैं। इसके चलते छोटे वाहन चालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चालकों ने मांग की कि जिला प्रशासन व पुलिस विभाग को कोई वैकल्पिक रास्ता जल्द निकाले नहीं तो वे दाना-पानी के लिए तरस जाएंगे।

छापेमारी नहीं होने से ग्रामीणों में राहत

बारा: पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे द्वारा दिए गए बयान से ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे वे इसका विरोध नहीं करेंगे। वे पुलिस अधीक्षक से मांग किए कि पुलिस निर्दोषों को परेशान न करे।

... किसी भी निर्दोष को कतई परेशान होने की जरूरत नहीं है। मैं उन लोगों के साथ हूं जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। हां जिन्होंने आग में घी डालने का काम किया है वह बचेंगे भी नहीं। फिलहाल पुलिस गांव में नहीं जाएगी, किसी को परेशान नहीं करेगी। मौका है जो दोषी हों या उनकी इसमें संलिप्तता हो वह खुद स्वीकार कर लेंगे तो उनके लिए भी हितकर होगा।

सुभाषचंद्र दुबे, पुलिस अधीक्षक।


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