ओम प्रकाश, सुब्बा, सादाब के सपा में भाग्य का फैसला जल्द
गाजीपुर: समाजवादी पार्टी ने अपने 191 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस सूची के आने के बाद एक बार फिर
गाजीपुर: समाजवादी पार्टी ने अपने 191 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस सूची के आने के बाद एक बार फिर जनपद में सपा का राजनीतिक माहौल अनिश्चितता के दौर में पहुंच गया है। पार्टी के बीच चली लंबी लड़ाई के बाद जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्णायक बढ़त हासिल की और चुनाव आयोग से भी उनके पक्ष में फैसला आ गया तो उनके समर्थकों ने उनसे स्वतंत्र फैसले की उम्मीद की थी। आयोग के फैसले के बाद मुलायम ¨सह यादव भी अखिलेश यादव के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए राजी हो गए। साथ ही उन्होंने अपने लोगों की एक सूची अखिलेश यादव को सौंपी और उनसे इन लोगों को टिकट देने को कहा। मुख्यमंत्री की ओर अभी यही बयान आ रहा है कि मुलायम ¨सह यादव की सूची पर अभी फैसला नहीं हुआ है। दूसरी तरफ जो 191 उम्मीदवारों की सूची जारी हुई है उसमें उन्होंने अब तक अपना प्रबल विरोध करने वाले अपने चाचा शिवपाल यादव को टिकट दिया है, जबकि कई उनके नजदीकियों को टिकट से वंचित होना पड़ा है। यही स्थिति यहां तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए यक्ष प्रश्न बन गया है। यह तीन विधानसभा क्षेत्र हैं जमानियां, जखनियां और जहूराबाद। इनके विधायक हैं ओमप्रकाश ¨सह, सुब्बा राम और शादाब फातिमा।
ओमप्रकाश ¨सह और शादाब फातिमा के लिए खुद मुलायम ¨सह यादव ने पैरवी की है। दोनों को मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया। पूरे रार में वह खुलकर मुलायम ¨सह यादव और शिवपाल के पक्ष में खड़े रहे। अब अखिलेश यादव के हाथ में इनके टिकटों का फैसला है। अखिलेश यादव इन्हें पार्टी का टिकट देगें या नहीं यह प्रश्न इनके समर्थकों को मथ रहा है। वैसे जहूराबाद और जखिनयां सीट पर गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस की भी नजर है। कोई भी सीट गठबंधन को गई तो वहां के विधायक की कुर्बानी हो जाएगी। दूसरे यदि अखिलेश यादव अब तक अपने विरोधी रहे चाचा शिवपाल यादव के समर्थकों को निपटाते हैं तो भी इन तीनों के लिए मुश्किल होगी। हालांकि उनके समर्थक मान कर चल रहे हैं कि बात अब पटरी पर आ चुकी है। मुलायम ¨सह यादव द्वारा सौंपी गई सूची के लोगों को सपा का टिकट मिलेगा और वे चुनाव लड़ेंगे लेकिन अंदर से अखिलेश यादव का यह बयान उन्हें डरा रहा है कि मुलायम ¨सह यादव की सूची पर अभी फैसला नहीं। दूसरी तरफ सपा की जारी पहली सूची के बाद यह कहा जाना कि शिवपाल यादव के कई समर्थकों को टिकट नहीं दिया गया है कुछ भी बोलने से रोक रहा है लेकिन यह भी तय है कि इस रहस्य पर से भी पर्दा बहुत जल्द उठने वाला है।