चार सेमी बढ़फिर ठहर गईं गंगा, 322 गांव चपेट में
गाजीपुर: जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। पिछले 24 घंटे तक गंगा
गाजीपुर: जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। पिछले 24 घंटे तक गंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बाद गुरुवार की भोर चार बजे से फिर बढ़ने लगा। हालांकि सुबह दस बजे तक चार सेमी की मामूली बढ़त के बाद फिर गंगा ठहर गईं। बाढ़ग्रस्त पुराने इलाकों में तो तबाही मची ही हुई है, हर रोज नए इलाके भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। गुरुवार तक 322 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके थे। वैसे इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर कम हो रहा है। ऐसे में यहां भी घटने के आसार दिखने लगे हैं।
गंगा का जलस्तर बुधवार की भोर चार बजे 65.00 मीटर पर पहुंच कर ठहर गया। यह स्थिति गुरुवार की भोर चार बजे तक बरकरार रही। इसके बाद जलस्तर फिर से बढ़ने लगा और सुबह दस बजे तक 65.04 मीटर पहुंच गया। इसके बाद फिर से जलस्तर रुक गया और शाम पांच बजे तक यही स्थिति बरकरार रही। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल पा रही है। गांव छोड़ बाढ़ राहत शिविरों, स्कूलों और सड़क किनारे आशियाना बना कर रहने वाले परिवार की महिलाओं की निजता भंग हो रही है और छोटे बच्चे दूध के लिए बिलबिला रहे हैं।
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव
करंडा: बाढ़ से पीड़ित गांव बड़हरिया, बड़सरा, सोकनी, सलारपुर, गद्दोगारा, महबलपुर, नवपुरवा, नुकुलका पुरवा, दीनापुर, तुलसीपुर, शेरपुर, रफीपुर, चतरपुरा, तरानापट्टी, करकटपुर, जमुआंव, आरी, गजाधरपुर, मलहपुरा, विशुनपुरा, धरम्मरपुर, कुचौरा, रमनथपुर, सोलनपुर, बलवंतपुर, कोटियां, सरायमुहम्मदपुर, सिकंदरपुर, अमवां व डिहवां सहित पैतीस ग्रामसभा बाढ़ से बुरी तरह पीड़ित है। अभी तक प्रशासन द्वारा एक दर्जन गांवों में भी राशन वितरण नहीं हो पाया है। करंडा के ब्लाक प्रमुख राजेश ¨सह ¨रकू ने बुधवार को रमनथपुर गांव के बाढ़ पीड़ितों को राशन सहित दैनिक उपभोग की सामान का वितरण किया। इस मौके पर रमनथपुर के ग्राम प्रधान ओमप्रकाश यादव, सुनील दूबे, बट्टन ¨सह, भुटानी ¨सह, कानूनगों व प्रभुनाथ राम मौजूद थे।
जंगली जानवरों का बढ़ा आतंक
गहमर: बुधवार की शाम छहबजे क्षेत्र के खुदरा (पथरा) गांव में एक विशाल वनसुवरा घुस गया और अपनेआवासीय परिसर में मवेशियों को चारा डाल रहे जयप्रकाश उपाध्याय पर हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया। परिजन तत्काल उन्हें भदौरा पीएचसी ले गए, हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया।
डीजल न मिलने से नाव संचालन ठप
गहमर: स्थानीय क्षेत्र में गंगा और कर्मनाशा के बाढ़ से अभी भी ग्रामीणों की
मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। क्षेत्र के नागदिलपुर, हसनपुरा, अटहठा, वीरउपुर व नसीरपुर आदि गांवों के लिए लगाई गई एनडीआरएफ की टीम भी गुरुवार को हटा लिया गया। इससे इन गांव के लोगों में रोष है। बाढ़ से पीड़ित कामाख्या धाम राहत शिविर में मौजूद विभिन्न गांव के दिनेश राजभर, ऋषिकेश राय, मकरध्वज राजभर, प्रसिद्धन, धर्मेंद्र, सरोज चौधरी, राजकिशोर, कमला गुप्ता, संतोष ¨बद, लल्लन चौधरी, नितेंद्र चौधरी, भूपेंद्र भारती, कामता राम व उदय नारायण का कहनाथा कि बुधवार की रात से ही नावों का संचालन बंद हो गया है। हम यहां से नाव के नहीं चलने के कारण अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। जब नाव नहीं चलने का कारण पूछा गया तो नाविकों का कहना था कि जब हमें डीजल नहीं मिलेगा तो हम कैसे नाव चलाएंगे। जब लोगों ने तहसीलदार जमानियां ओम प्रकाश बरनवाल से इसकी शिकायत की तो उनका कहना था कि जमानियां आकर डीजल क्यों नहीं ले जाते। हार करलोगों ने जिलाधिकारी को सारी घटना से अवगत कराया तो उन्होंने डीजल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। बीडीओ भदौरा रामराज गौतम की देखरेख में कामाख्या धाम में बने राहत शिविर में शरणार्थियों के लिए पिछले तीन दिन से लगातार भोजन कराया जा रहा है।
बंधा बनाकर गांव को बचाने का प्रयास
करंडा (गाजीपुर): क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित गांव सिकंदरपुर, दामोदरपुर, डिहवा और अमवां गांव को बाढ़ से बचाने के लिए बंधा बनाया जा रहा है। इन गांवों में बाढ़ का पानी घुसने वाला था लेकिन सिकंदरपुर ग्राम प्रधान राजेश ¨सह गुड्डू अपने स्वयं के खर्चे से जेसीबी मशीन से दो दिन से लगातार बंधा बनवाने का कार्य कर रहे हैं। बाढ़ का विकराल रुप देखकर ग्रामीणों को भय सताने लगा कि गंगा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो अमवा, डिहवा और दामोदरपुर गंगा की आगोश में आ जायेगा।