पट्टी बांधकर चिकित्सकों ने किया काम
गाजीपुर : जिला अस्पताल की ओपीडी सोमवार से शुरू हो गई लेकिन चिकित्सकों का आंदोलन जारी रहा। उन्होंन
गाजीपुर : जिला अस्पताल की ओपीडी सोमवार से शुरू हो गई लेकिन चिकित्सकों का आंदोलन जारी रहा। उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांध कर काम किया। चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों में तनाव की स्थित बनी रही। चिकित्सक अपनी मांग पर कायम हैं कि अगर तय समय के भीतर गिरफ्तारी नहीं होती है तो फिर से ओपीडी सेवा बंद कर दी जाएगी। इसको लेकर जिला प्रशासन के माथे पर भी ¨चता की लकीरें उभर आई हैं। इधर दो दिन बाद अस्पताल की ओपीडी चालू होने से मरीजों की काफी भीड़ रही।
पर्ची काउंटर पर लंबी कतार लग गई और देखते-देखते ही ओपीडी कक्ष मरीजों से ठसाठस भर गए। चिकित्सकों ने काली पट्टी बांध कर काम करना शुरू किया। पिछले 19 जून को इमरजेंसी मैं तैनात चिकित्सक डा. पीपी उपाध्याय पर दबंगों ने हमला कर उन्हें पीटा था। चिकित्सकों का आक्रोश उस समय और बढ़ गया जब घटना के पांच दिन बाद भी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। हालांकि एक आरोपी ऋषि चतुर्वेदी ने आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन चिकित्सक इससे संतुष्ट नहीं हुए और शनिवार को ओपीडी सेवा ठप कर दी और अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए। इस धरने को चिकित्सा संघों के अलावा अन्य तमाम कर्मचारियों का भी समर्थन मिल गया। ओपीडी सेवा बंद होने से मरीजों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ी, वहीं जिला प्रशासन भी सकते में आ गया। मामले की गंभीरता को समझते हुए जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने ज्वाइंट मेडिकल फोरम को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। जिलाधिकारी ने आरोपियों की गिरफ्तारी कराने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, इस पर ज्वाइंट मेडिकल फोरम सहमत हो गया। लेकिन फोरम ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा और वह काली पट्टी बांध कर काम करेंगे।