अब तो पोखरे की नींद सोते और जागते हैं
गाजीपुर: अब तो पोखरे की नींद सोने और जागने की आदत बन गई है। कार्य पूर्ण होने पर इस आदत को छोड़ने के ल
गाजीपुर: अब तो पोखरे की नींद सोने और जागने की आदत बन गई है। कार्य पूर्ण होने पर इस आदत को छोड़ने के लिए काफी प्रयास करना पड़ेगा। यह कहना है जागरण द्वारा गोद लिए गए सुल्तानपुर ग्राम पंचायत के बेनसागर पोखरे पर काम करने वाले श्रमिकों का। धूप, उमस हो या गर्मी चाहे बरसात निर्धारित वक्त पर कदम अपने आप पोखरे की ओर बढ़ जाते हैं। कार्य पूर्ण करने का संकल्प है तो इसे पूर्ण करना ही है। बरसात शुरू होने से खेती किसानी का कार्य भी शुरू हो गया है। लेकिन घरेलू से लगायत किसानी के कार्य तब ही श्रमिक करते हैं जब पोखरे का उस दिन के लिए निर्धारित कार्य पूर्ण हो जाता है। पोखरे को देखने के लिए भी लोग पहुंचते हैं। बारिश का पानी पोखरे में जैसे जैसे भर रहा है वैसे वैसे श्रमिकों को अपने श्रम का परिणाम मिलता दिख रहा है। श्रमिकों की हौसला आफजाई करने में ग्रामीण कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कार्य प्रभारी हीरा यादव ने बताया कि अब लगातार श्रमिकों की संख्या बढ़ेगी। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द खोदाई का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। कार्य करने वाले श्रमिक दीपू गिरि, राजनाथ गिरि, संजय गिरि, शंभू यादव, तहसीलदार गिरि, जीयन गिरि, परशुराम यादव आदि ने कहा कि इस पोखरे में श्रम का आनंद ही अलग है। इसमें श्रम कर आत्मिक सुख मिल रहा है।
ऐतिहासिक कार्य हुआ
गाजीपुर: पोखरे की खोदाई कार्य को यदा कदा देखने पहुंचने वाले गांव के निवासी ठेकेदार विनोद प्रधान कहते हैं कि इसकी खोदाई का कार्य ऐतिहासिक है। अब इस पोखरे का जीवन सुरक्षित, लंबा और सुंदर हो गया। इसमें श्रमिकों, बेनसागर के निवासियों और आसपास के काश्तकारों ने अच्छा सहयोग किया। ग्रामीणों की इच्छा पूरी हुई और श्रद्धा को सम्मान मिला है। जागरण का प्रयास, ग्राम पंचायत की पहल, अधिकारियों कर्मचारियों का मार्गदर्शन लोग सदैव याद रखेंगे।