अमरनाथ हत्याकांड में तीन दबोचे!
गाजीपुर : अमरनाथ यादव की हत्या को पुलिस मनोज हत्याकांड का बदला मान रही है। क्राइम ब्रांच ने शनिवार क
गाजीपुर : अमरनाथ यादव की हत्या को पुलिस मनोज हत्याकांड का बदला मान रही है। क्राइम ब्रांच ने शनिवार को तीन लोगों को दबोचने के बाद तीन अन्य की तलाश में गैर जनपदों की ओर रवाना हो चुकी है। संभावना जताई जा रही है शनिवार को हत्याकांड का खुलासा हो जाएगा। वैसे पुलिस कुछ भी बोलने से कतरा रही। शक की सुई मनोज ¨सह हत्याकांड के बदले की कार्रवाई की ओर है। पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस के सामने कैलाश यादव हत्याकांड समेत अन्य अपराध में संलिप्तता बताई जा रही है। वहीं तीन अन्य बदमाशों को पकड़ने के लिए क्राइमब्रांच आजमगढ़ में डटी हुई है। अमरनाथ हत्याकांड के बाद से ही पुलिस पर अपराधियों को पकड़ने का दबाव बना हुआ था। इसका कारण भी था। अमरनाथ की समाजवादी पार्टी में काफी पैठ थी। सर्विलांस व मुखबिरों की मदद से पुलिस को भनक लगी कि आजमगढ़ जिले के तरवा निवासी एक बदमाश अमरनाथ हत्याकांड में लिप्त है। वह वर्तमान में गाजीपुर शहर के ¨सचाई विभाग चौराहा के समीप तुलसी सागर कालोनी में किराये के मकान में रहता है। सूत्रों का कहना है क्राइमब्रांच मौके पर गई और उसे हिरासत में ले लिया।
वहीं एक अन्य आरोपी करंडा थाना क्षेत्र के बासूचक गांव निवासी को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा एक अन्य आरोपी को भी पुलिस ने उठा लिया है। पुलिस सूत्रों की माने तो घटना लगभग पूरी तरह खुल गई है।
गौरतलब है कि 30 जनवरी की सुबह वाराणसी के पहड़िया स्थित घर के पास ब्लाक प्रमुखपति अमरनाथ यादव की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में प्रामसपा नेता अरुण ¨सह, करंडा ब्लाक प्रमुख पद के प्रत्याशी राजेश ¨सह उर्फ ¨रकू, चंदन ¨सह व मनोज ¨सह को अमरनाथ के पुत्र आशीष ने नामजद किया। पुलिस अरुण व चंदन को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। जबकि राजेश अन्य मामले में कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिए। विनोद अभी भी फरार है।