ग्राम पंचायतों की अंतिम आरक्षण सूची प्रकाशित
गाजीपुर : ग्राम पंचायतों की अंतिम आरक्षण सूची मंगलवार को प्रकाशित कर दी गई। इसमें कुछ खास बदलाव नहीं
गाजीपुर : ग्राम पंचायतों की अंतिम आरक्षण सूची मंगलवार को प्रकाशित कर दी गई। इसमें कुछ खास बदलाव नहीं किया गया है। जिले भर से आईं 851 आपत्तियों में से सिर्फ एक मरदह ब्लाक के सरवनडीह गांव की आपत्ति स्वीकृत की गई। इसके अलावा दो और गांवों का आरक्षण बदला गया।
मरदह ब्लाक के सरवनडीह की आपत्ति स्वीकृत करते हुए आरक्षण निर्धारण समिति ने वहां का आरक्षण अनुसूचित जाति महिला से बदल कर सामान्य कर दिया है। इसके अलावा मरदह ब्लाक के ही तवक्कलपुर उर्फ डंडापुर का आरक्षण अनुसूचित से बदल कर अनुसूचित महिला कर दिया गया है। इसी ब्लाक के गुलाल सराय को सामान्य से बदलकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। हालांकि इन दोनों गावों के लिए कोई आपत्ति नहीं आई थी। लेकिन समिति ने यहां हुई गड़बड़ी को स्वयं संज्ञान में लेते हुए दोनों का आरक्षण बदल दिया। सोमवार की देर रात ही आरक्षण सूची फाइनल कर दी गई थी। मंगलवार को इसका प्रकाशन की भी कर दिया गया। अंतिम आरक्षण सूची विकास भवन के साथ सभी ब्लाक मुख्यालयों पर चस्पा कर दी गई। सूची चस्पा होते ही लोगों की भीड़ लग गई। सभी अपने गांव का आरक्षण देखने के लिए उतावले नजर आए।
कहां कितनी आपत्तियां..
- अगर बात आपत्तियों की करें तो करंडा ब्लाक में 40, सदर में 26, बिरनो में 26, मरदह में 51, जमानियां 23, रेवतीपुर 24, भदौरा 127, भांवरकोल 28, कासिमाबाद 79, मुहम्मदाबाद 56, बाराचवर 28, मनिहारी 69, जखनियां 47, सादात 49, सैदपुर 55 और देवकली ब्लाक में 123 आपत्तियां आई थीं।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पर बदला आरक्षण
- ग्राम पंचायत के आरक्षण की प्रकाशित अनंतिम सूची पर आई 851 आपत्तियों मे से केवल एक आपत्ति स्वीकृत होना लोगों के कौतूहल का विषय बना हुआ है। लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर मरदह ब्लाक के सरवनडीह की आपत्ति में ऐसी कौन ही बात थी कि वहां का आरक्षण बदल दिया गया। दरअसल यहां का आरक्षण गृह मंत्रालय की जनसंख्या संबंधी रिपोर्ट भेजने पर बदला गया। मामला कुछ यू हैं..जनगणना में मरदह ब्लाक के सरवनडीह गांव में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 285 दर्ज की है। भारत सरकार की गजट में भी यही दिखा रहा है। जब कि वहां अनुसूचित जाति के सिर्फ दो परिवार रहते हैं और उनके सदस्यों की संख्या महज 13 है। इस मामले को लेकर गांव के ही एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी से लेकर गृह मंत्रालय तक प्रार्थना पत्र देकर जनसंख्या बदलने की मांग की थी। कारण कि जनगणना में कोई भी बदलाव सिर्फ गृह मंत्रालय ही कर सकता है। इसको संज्ञान में लेते हुए गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से इसकी वास्तविक रिपोर्ट मांगी। प्रदेश सरकार से जिलाधिकारी से रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने उस गांव की जांच कराई तो पता चला कि शिकायत सही है। इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई। गृह मंत्रालय ने जनगणना के गजट में बदलाव कर वास्तविक जनसंख्या दर्ज की और इसकी रिपोर्ट पिछले 29 सितंबर को जिलाधिकारी को प्राप्त हो गई। इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी एमपी दूबे ने बताया कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए सरवनडीह गांव का आरक्षण बदला गया है।