छह मंडा भूमि गंगा में समाहित
करंडा (गाजीपुर) : गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बावजूद स्थानीय ब्लाक के पुरैना गांव के पास कटान शु
करंडा (गाजीपुर) : गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बावजूद स्थानीय ब्लाक के पुरैना गांव के पास कटान शुरू हो गई है। रविवार को छह मंडा कृषि योग्य भूमि गंगा में समाहित हो गई। गंगा द्वारा जमीन को लीलने से किसान सहम गए हैं। जलस्तर रुक भले गया लेकिन पिछले दिनों हुए तेज बढ़ाव से तटवर्ती गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। लोगों की रात ईश्वर से विनती करते हुए रतजगा करते हुए बीत रही है।
गंगा का रुख देख पुरैना गांव के लोगों के मन में खौफ पैदा हो गया है। थमी नदी का जलस्तर आने वाले दिनों में और बढ़ा तो पुरैना गांव का अस्तित्व ही समाप्त होने का डर है। सबसे पहले तबाही नदी के किनारे बसी दलित बस्ती में आ जाएगी। शासन व प्रशासन द्वारा बस्ती को बाढ़ से बचाने के कोई उपाय नहीं कि जाने से इसे पूरी तरह गंगा में समाने की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है। यही नहीं नहरों में पानी देकर किसानों की खेत की ¨सचाई करने वाला पुरैना पंप कैनाल के भी अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। कटान पीड़ितों का कहना है कि
यहां के लोगों को पुनस्र्थापित करने के लिए भूमि तो उपलब्ध कराई गई लेकिन अभी तक आवास मुहैया नहीं कराया गया है। ग्राम प्रधान पतिराम ने बताया कि उन्होंने गंगा के कटान करने की जानकारी उप जिलाधिकारी को दी। बावजूद इसके हाल जानने कोई अधिकारी यहां नहीं पहुंचे। यही नहीं हर बार चुनाव में बाढ़ से निजात दिलाने का उपाय करने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधियों का भी विपत्ति की इस घड़ी में पता नहीं है।