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धान की रोपाई के लिए नहरों पर बढ़ा दबाव

जमानियां (गाजीपुर) : धान का कटोरा कहे जाने वाले तहसील क्षेत्र में इस बार पर्याप्त बारिश न होने से सू

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 07:29 PM (IST)

जमानियां (गाजीपुर) : धान का कटोरा कहे जाने वाले तहसील क्षेत्र में इस बार पर्याप्त बारिश न होने से सूखा जैसे हालात बन गए हैं। ऐसे में धान की रोपाई के लिए नहरों पर दबाव बढ़ गया है। चक्काबांध स्थित चौधरी चरण ¨सह पंप गृह से मात्र चार पंप ही चलाए जा रहे हैं, जबकि सात पंप चलने चाहिए। विभाग का कहना है कि लो वोल्टेज के चलते कम पंप चल रहे हैं। उधर हालत इस कदर खराब है कि ¨सचाई विभाग को पानी आपूर्ति में रोस्ट¨रग करना पड़ रहा है। चार दिन देवकली नहर प्रणाली व तीन दिन दिलदारनगर रजवाहा व देवैथा रजवाहा में पानी छोड़ा जा रहा है। पंप गृह में 150 क्यूसेक क्षमता के आठ पंप लगे हैं। इनमें एक पंप स्टैंड बाई मोड पर रखा जाता है।

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धान की रोपनी के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है। वहीं एक साथ सभी जगहों पर पानी चाहिए। यह नहरों के भरोसे मुमकिन नहीं है। पानी के अभाव में धान की रोपाई पिछड़ रही है। बहुत से किसान किसी तरह से रोपाई कर दिए परंतु पानी के अभाव में फसल मुरझाने से परेशान हैं। इससे किसान ¨चतित हैं। पंप गृह की क्षमता वृद्धि हो जाए तो किसानों को पानी की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। पंकज तिवारी, रणवीर ¨सह, फौजदार यादव, करुणानिधि राय, प्रफुल रंजन उपाध्याय, अजय यादव, त्रिभुवन पटेल आदि किसानों का कहना है कि पंप गृह की क्षमता वृद्धि व नहर प्रणाली को बेहतर किया जाए तो यह इलाका के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

दो अतिरिक्त पंप की जरूरत

चक्का बांध स्थित चौधरी चरण ¨सह पंप गृह की 12 सौ क्यूसेक पानी छोड़ने की क्षमता है। किसान दो अतिरिक्त पंप लगाने की मांग कर रहे हैं। पंपगृह से 28 हजार हेक्टेअर खेतों की ¨सचाई होती है। अगर यह सुविधा मिल जाए तो किसानों की समस्या दूर हो जाएगी।


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