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भूख-प्यास से तड़पे बच्चे, पसीने से तर-ब-तर राहगीर

गाजीपुर : नगर में सोमवार को लगे जाम ने हर कोई किसी को झकझोर कर रख दिया। सुबह से ही जगह-जगह लगे जाम न

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 08:06 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 08:06 PM (IST)
भूख-प्यास से तड़पे बच्चे, पसीने से तर-ब-तर राहगीर

गाजीपुर : नगर में सोमवार को लगे जाम ने हर कोई किसी को झकझोर कर रख दिया। सुबह से ही जगह-जगह लगे जाम ने जहां राहगीरों को पसीने से तर-ब-तर कर दिया , वहीं भूख-प्यास से स्कूली बच्चे घंटे जाम में फंसकर तड़पते रहे। नगर की कोई ऐसी सड़क, गली-मोहल्ला जाम से अछूता नहीं था। सबसे ज्यादा विकट स्थिति महुआबाग, सकलेनाबाद व लंका की थी। यहां के बा¨शदे शायद ऐसे जाम से कभी रूबरू नहीं हुए थे। जाम के झाम ने नगर को ऐसे जकड़ रखा था कि पैदल भी निकलना मुश्किल हो गया था। जाम समाप्त कराने में यातायात पुलिस को भी पसीने

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आ गए।शहर कोतवाल को भी सड़क पर उतरना पड़ा। दोपहर बाद किसी तरह स्थिति सामान्य हुई। दो दिनों की छुट्टी के बाद जब बाजार व कार्यालय खुले तो कर्मचारी व

बच्चे सुबह स्कूल के लिए निकले। एक साथ वाहनों का दबाव, लोगों की भीड़ से जगह-जगह जाम लग गया। सुबह करीब साढ़े नौ से दस बजे के बीच फुल्लनपुर रेलवे क्रा¨सग के पास जाम लगा रहा। यहां से लोग मुक्ति पाए तो लंका के पास टैम्पो व बस चालकों की मनमानी ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी। करीब घंटे भर

लोग जाम से जूझते रहे। महुआबाग व कचहरी क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा। दिन भर जगह-जगह लगे जाम से लोग परेशान हो उठे।

खुद फंसे तो याद आया जाम

सुबह से जाम से जूझ रहे लोगों की मदद के नाम पर सिर्फ यातायात पुलिस ही दिखी। दोपहर बाद जब कोतवाल श्रीप्रकाश दुबे लंका के पास जाम में फंस गए तो सड़क पर उतरकर जाम खुलवाने में लग गए। यह देख लोगों ने चुटली लेनी शुरु कर दी। कहते सुने गए कि खुद फंसे तो जाम याद आ गया।


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