Move to Jagran APP

पचास अंक वाले भी आ गए मेरिट में

गाजीपुर : फर्जीवाड़ा करने वाले जाने कहां-कहां पहुंच जाते हैं और कोई भी डिग्री बनवा लेते हैं। इसका सबस

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 07:06 PM (IST)
पचास अंक वाले भी आ गए मेरिट में

गाजीपुर : फर्जीवाड़ा करने वाले जाने कहां-कहां पहुंच जाते हैं और कोई भी डिग्री बनवा लेते हैं। इसका सबसे बेहतर उदाहरण टीईटी प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में देखने को मिला है। टीईटी परीक्षा 2011 में पचास से अस्सी अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों ने भी 120 से 133 अंक का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया और कट आफ मेरिट में शामिल हो गए। वहीं अच्छा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी अभी तक सड़क पर घूम रहे हैं। टीईटी परीक्षा 2011 का जब रिजल्ट घोषित हुआ था तो अच्छा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी खुश थे। पचास हजार तक की रैं¨कक वालों को तो पूरा विश्वास था कि उनका चयन जरूर हो जाएगा। लेकिन इन फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र वालों ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। उन्होंने 120 से लेकर 133 अंक तक का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर कट आफ में उनसे पहले ही जगह बना लिया। वहीं बढि़यां अंक हासिल करने वालों को जगह ही नहीं मिली। अब तक पचास हजार से ऊपर सीटें भरी जा चुकी हैं लेकिन इस फर्जीवाड़े से टीईटी परीक्षा 2011 में 35 से 40 हजार तक की रै¨कग वाले अभ्यर्थी भी कट आफ से बाहर हो गए हैं। अगर यह फर्जीवाड़ा नहीं होता तो टीईटी की सभी कट आफ मेरिट और नीचे आई होती। ऐसे में बाहर घूम रहे 33 पात्र अभ्यर्थी आज मेरिट में आ गए होते। यह हाल सिर्फ गाजीपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी चार कट आफ की ही जांच की है। पांचवें कट आफ में शामिल अभ्यर्थियों की जांच अभी बाकी है।

loksabha election banner

काउंसि¨लग में ही 59 मिले थे संदिग्ध

-टीईटी प्रशिक्षु शिक्षकों की यह भर्ती चौथी काउंसि¨लग के आधार पर किया गया है। डायट ने जब काउंसि¨लग कराने के बाद सभी के शैक्षिक अभिलेखों की जांच शुरू की तो उसमें से 59 का टीईटी प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले। इसके बाद उन्हें कट आफ मेरिट में नहीं शामिल किया। इस बात को लेकर तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार ¨सह एवं डायट प्राचार्य नरेंद्रदेव पांडेय के बीच तकरार भी हुई थी। बीएसए चाहते थे कि अभी इनके फर्जीवाड़े पर मुहर नहीं लगाई जा सकती। ऐसे में उनको भी कट आफ मेरिट में शामिल किया जाए। बाद में सत्यापन के दौरान अगर वह फर्जी मिले तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। वहीं डायट प्राचार्य का कहना था कि संदिग्धों को कट आफ मेरिट में शामिल नहीं किया जाए, नहीं तो बाद में यह समस्या खड़ी कर देंगे। हालांकि बाद में संदिग्ध प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों को कट आफ मेरिट में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.