धरने पर बैठे तो बन गया प्रमाण पत्र
गाजीपुर : डिप्टी सीएमओ के नेतृत्व में पांच चिकित्सकों की टीम ने तीन नेत्रहीन भाई-बहन को मेंटल बताकर
गाजीपुर : डिप्टी सीएमओ के नेतृत्व में पांच चिकित्सकों की टीम ने तीन नेत्रहीन भाई-बहन को मेंटल बताकर वाराणसी के लिये रेफर करने की बात पर गुरुवार को जिला चिकित्सालय परिसर में जमकर हंगामा हुआ। तीनों बच्चों के परिजन की गुहार सामाजिक कार्यकर्ताओं संग जिला पंचायत सदस्य ब्रजभूषण दुबे वहीं धरने पर बैठ गए। इसके बाद पासा पलट गया। तीनों को सौ प्रतिशत नेत्रहीन का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
गुरुवार को जिला चिकित्सालय में विकलांगों का मेडिकल प्रमाण पत्र मेडिकल बोर्ड द्वारा बनाया जाता है। मनिहारी विकास खंड अंतर्गत सुरहुरपुर गांव के रामवृक्ष शर्मा अपनी बेटियों क्रमश: मीरा 28 व आशा 14 तथा पुत्र अखिलेश 25 को लेकर मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने आए थे। तीनों जन्मजात नेत्रहीन हैं। तीनों बच्चों को देखते ही डिप्टी सीएमओ डा. आरके मेहरा ने मानसिक मंद बताते हुए वाराणसी रेफर करने की बात कहने लगे। ऐसे में पिता रामवृक्ष ने इसकी सूचना जिला पंचायत सदस्य ब्रजभूषण दुबे को दी। उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता डा. अविनाश गौतम व अन्य सहयोगी जिला चिकित्सालय स्थिति मेडिकल बोर्ड के पास पहुंचकर धरने पर बैठ गए। ब्रजभूषण दुबे ने समूचे प्रकरण की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. महेंद्र प्रताप ¨सह को दी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपर सीएमओ डा. एके जायसवाल मौके पर पहुंचे। उनकी देखरेख में तीनों भाई बहनों का परीक्षण किया गया तो तीनों सौ फीसद नेत्रहीन पाए गए और उनका प्रमाण पत्र बना दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता डा. अविनाश ने अपर सीएमओ से कहा कि अगले गुरुवार को मेडिकल प्रमाण पत्र बनावाने आए सभी विकलांग जन के लिए कुर्सियां लगाईं जाएं तथा सभी के लिए पानी पीने का उचित प्रबंध किया जाना चाहिए। उक्त अवसर पर महेश यादव, उमाकांत तिवारी, गुल्लू ¨सह यादव, चंद्रहास यादव, सुरेश ¨सह यादव, गुडडू दूबे, राम वृक्ष शर्मा, सरोज पांडेय एवं दुलार चंद गुप्ता आदि मौजूद थे।