बंदी की सफलता से प्रशासन बैकफुट पर
गाजीपुर : जिले में बढ़ रहे अपराध के खिलाफ गाजीपुर बंद की सफलता को लेकर पीठ चाहे जो भी थपथपाए लेकिन अ
गाजीपुर : जिले में बढ़ रहे अपराध के खिलाफ गाजीपुर बंद की सफलता को लेकर पीठ चाहे जो भी थपथपाए लेकिन अगुवाई करने वाले अरुण सिंह ने जिला प्रशासन को बैकफुट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। मनोज हत्याकांड का खुलासा न होना दुखद ही नहीं वरन हताशाजनक भी है। वैसे अपराधियों को शीघ्र ही पकड़ने का दावा पुलिस महकमे के मुखिया बराबर कर रहे हैं। यह आंदोलन धर्म, संप्रदाय व जाति को परे कर मंजिल की ओर अग्रसर है।
16 मार्च को यूको बैंक में जमा करने जा रहे शराब कंपनी के कर्मचारी को बदमाशों ने गोली मार हत्या कर दी थी। उसी समय से हत्यारों को पकड़ने के लिए आवाज बुलंद की जा रही है। मृत मनोज जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह के चचेरे भाई थे। ऐसे में सर्वदलीय आंदोलन की अगुवाई करते हुए अरुण सिंह समर्थकों संग सड़क पर उतर गए। कई बार सभा की और जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी लेकिन नतीजा सिफर रहा। जिले की राजनीति में अरुण सिंह की भूमिका काफी सशक्त है। तीन बार ये भाजपा से टिकट लेकर विस चुनाव भी लड़ चुके हैं। इसबार लोस चुनाव में वे भाजपा का दामन छोड़ प्रमसपा में शामिल हो गए। बावजूद इसके जिले के आम भाजपा कार्यकर्ताओं में इनकी जबर्दस्त पैठ है। जाने-अनजाने में अरुण सिंह के साथ भाजपा का जमीनी वजूद बराबर समर्थन करता रहा।
फिलहाल इस बंदी की सफलता के पीछे सभी दलों मसलन भाजपा, कांग्रेस, बसपा आदि छोटी-बड़ी पार्टियों का हाथ है। इसके अलावा अधिवक्ता, छात्र, अध्यापक, व्यापारी नेताओं ने भी इस आंदोलन का जमकर समर्थन किया।