भूमि विवाद में वृद्ध को उतारा मौत के घाट
कासिमाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय थाना क्षेत्र के मडई गांव में गुरुवार की सुबह भूमि विवाद में वृद्ध की भ
कासिमाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय थाना क्षेत्र के मडई गांव में गुरुवार की सुबह भूमि विवाद में वृद्ध की भाला से मारकर हत्या कर दी गई। साथ ही पुत्र, बहू व पोती को घायल कर दिया। इस मामले में पुत्र ने नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मडई गांव के रामजन्म यादव (70) व उनके भाई इंद्रदेव यादव के बीच भूमि विवाद वर्षो से चला आ रहा है। इंद्रदेव की मृत्यु के बाद यह विवाद उनकी पुत्री जगेश्वरी से जारी रहा। सुबह विवादित जमीन पर से जगेश्वरी अपने पुत्रों हवलदार, सूबेदार व नाती हरेंद्र सहित कई लोगों को साथ लेकर घूरा हटवा रही थी। यह देख रामजन्म के पुत्र घूरहू (45), घूरहू की पत्नी देवंती (40) व पुत्री कंचन (15) ने विरोध किया।
इससे बात बढ़ गई और मारपीट होने लगी। रामजन्म ने बीच-बचाव करना चाहा तो विपक्षी उसी पर टूट पड़े। लाठी-डंडे व भाला से मारकर उसे लहूलुहान कर दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मौत के बाद विपक्षी भाग निकले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जख्मी घूरहू, देवंती व कंचन को जिला अस्पताल भेजवाया। यहां देवंती व कंचन की हालत गंभीर बनी हुई है। थानाध्यक्ष अमरजीत यादव ने बताया कि घूरहू की तहरीर पर जगेश्वरी उसके पति सूर्यबली, पुत्र हवलदार व सूबेदार, पुत्री संतरा, नाती हरेंद्र, नातिन कुसुम के अलावा मिंटू पत्नी हवलदार व रामधनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है।
मारत-मारत मुआ देहलस
घटना के बाद मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी वेदप्रकाश सिंह व थानाध्यक्ष अमरजीत यादव से घूरह के पुत्र अंकेश, अखिलेश व पुत्री अंशिका ने घटनाक्रम बताया। बच्चों ने बताया कि बाबा बचावती रहन लेकिन सब लोग उनके मारत-मारत मुआ देहलस ह। एकरे बाद कुल भाग गईन ह।
ग्रामीणों ने बताया सच
घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। रामजन्म के घर पर कोई बड़ा नहीं था। घूरहू, उसकी पत्नी व बेटी को जिला अस्पताल ले जाया गया था। अंकेश, अखिलेश व अंशिका घर पर थे। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि हवलदार व सूबेदार धीरे-धीरे रामजन्म की भूमि पर कब्जा करते जा रहे हैं। घूरा हटाने के बाद वह इस जमीन पर भी कब्जा करने के फिराक में थे।
सभी ने मिलकर मारा
रामजन्म को जगेश्वरी के घर के सभी लोगों ने मिलकर मारपीट कर मौत के घाट उतार दिया। जब रामजन्म को सब मार रहे थे तो रामजन्म चिल्ला-चिल्ला कर जान बचाने की गुहार लगा रहा था। जब तक ग्रामीण पहुंचे बचाने तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।