एएनएम, नर्स के सहारे राजकीय महिला अस्पताल
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : कहने को आधी आबादी के इलाज के लिए तहसील मुख्यालय पर तीन दशक पहले राजकीय महिला
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : कहने को आधी आबादी के इलाज के लिए तहसील मुख्यालय पर तीन दशक पहले राजकीय महिला चिकित्सालय का निर्माण कराया गया। महिला चिकित्सक की तैनाती न होने से यह चिकित्सालय मात्र मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र बनकर रह गया है। दो दशक से एएनएम व स्टाफ नर्स के सहारे चल रहा है।
पंद्रह बेड वाले इस चिकित्सालय पर शुरू के कुछ दिनों में महिला चिकित्सकों की तैनाती हुई। डेढ़ दशक पहले यहां कार्यरत महिला कर्मियों व तैनात चिकित्सकों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं बना। इसके चलते चिकित्सकों को यहां से रूखसत होना पड़ा। दो दशक से यहां पर एएनएम व स्टाफ नर्स की तैनाती है। सप्ताह में दो दिन नसबंदी का कैंप लगता है। महिला चिकित्सक की तैनाती न होने से यहां तैनात स्टाफ नर्स या एएनएम ही इलाज करती हैं। यहां पर एक एएनएम, दो फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, स्वीपर, चौकीदार, दाई, वार्ड ब्वाय की तैनाती है। चिकित्सक के अभाव में हालत गंभीर होने पर जिला मुख्यालय भेज दिया जाता है। महिला चिकित्सक की सुविधा को देखते हुए सीएचसी पर दो चिकित्सकों को तैनात किया गया है। आलम यह है कि अपनी सुविधा के अनुसार ड्यूटी करती है। देर शाम या रात में महिला चिकित्सक नहीं रहती हैं। अगर महिला चिकित्सालय पर एक चिकित्सक की ड्यूटी लगा दी जाती तो कुछ हद तक समस्या का समाधान हो जाता। काजल, सुमन यादव, सरिता देवी, गीता कुशवाहा, रीना राय ने बताया कि महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से परेशानी होती है। रात में सीएचसी पर चिकित्सक नहीं मिलते हैं। इसे लेकर जनप्रतिनिधि व अधिकारी बेफिक्र हैं। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाए।