बरात गई नहीं तो शादी कैसी
गाजीपुर : जब बरात गई नहीं तो शादी कैसी। इस विवाह को मैं मानने को तैयार नहीं हूं। यह युवती झूठ बोल रह
गाजीपुर : जब बरात गई नहीं तो शादी कैसी। इस विवाह को मैं मानने को तैयार नहीं हूं। यह युवती झूठ बोल रही है। .नहीं सर यह झूठ बोल रहा है। यह पहले ददरीघाट मंदिर में शादी किया और कुछ दिन बाद कोर्ट में। यह हैं कोर्ट के कागजात। यह मामला रविवार को पुलिस लाइन परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों के सामना आया। सारे कागजात देखने के बाद सदस्यों ने झूठ बोल रहे युवक को खूब लताड़ा। घंटों चले समझौते के बाद भी विवाद नहीं सुलझा। सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर कर दी गई। मामला जमानियां तहसील क्षेत्र के नगसर का है।
करंडा थाना क्षेत्र के कटरिया के रंभा का आरोप है कि नगसर निवासी धनंजय वर्ष 2013 में ददरीघाट स्थित मंदिर में उससे शादी किया। इसके बाद सबूत के तौर पर कोर्ट मैरिज किया। कुछ दिनों तक मायके में मेरे साथ रहा बाद में ससुराल ले जाने की बात कहकर वह घर चला गया। फोन से बात करने पर वह जल्द ही ससुराल ले जाने की बात कह कर टालता रहा। ऐसा करते जब काफी दिन बीत गया तो मायके वालों को चिंता सताने लगी।
पूछने पर धनंजय ससुराल ले जाने से इन्कार कर दिया। थकहार कर रंभा पुलिस की शरण में गई। परिवार परामर्श केंद्र के सदस्य दोनों पक्षों को नोटिस भेज कर तलब किए। प्रतिसार निरीक्षक एके पांडेय दोनों पक्षों की बात सुने। लड़का व उसके परिवार के सदस्य शादी की बात से इंकार कर दिए। उनका कहना था कि ग्रामीणों से जाकर आप पूछ सकते है कि गांव में कोई बरात नहीं आई न ही इस लड़की से शादी हुई है।
इसके बाद लकड़ी को अपना पक्ष रखने को कहा गया। रंभा का कहना था कि धनंजय ही उसके मांग में सिंदूर भरा है। मेरे पास सबूत है। कोर्ट मैरिज के कागजात निकाल कर रंभा सदस्यों के सामने रख दी। यह देख लड़के पक्ष के लोग हक्के-बक्के रह गए। सबूत मिलने से पूरा मामला सदस्यों के समझ में आ गया। इसके बाद ससुराल के लोग नया बहाना बनाना शुरू कर दिए। उनका कहना था कि धनंजय से जबरिया हस्ताक्षर कराया गया है।
इस मौके पर उपनिरीक्षक सरोज पांडेय, सरदार दर्शन सिंह, सोनिया मनोज, साहब राय, श्याम सिन्हा, वीरेंद्र पाल, सरिता आदि थी।