किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
लौवाडीह (गाजीपुर) : मगई नदी के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। नदी का पानी खेतों में पसर रहा है। धान की फस
लौवाडीह (गाजीपुर) : मगई नदी के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। नदी का पानी खेतों में पसर रहा है। धान की फसल भी इस पानी से प्रभावित हो रही है। सबसे बड़ी समस्या रबी की बोवाई की हो गई है।
आजमगढ़ जनपद से बलिया जनपद के नरही तक लगभग 120 किलोमीटर की लंबाई में फैली मगई नदी में लगभग हर वर्ष इसी सीजन में नहरों का पानी छोड़ दिया जाता है। इससे करईल के किसानों का काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसको लेकर किसान वर्ष 2004 में शहीद पार्क में धरना प्रदर्शन भी किए थे। बावजूद आज तक इस समस्या के समाधान का प्रयास नहीं किया जा सका।
करईल इलाके में आय का मुख्य श्रोत खेती है। इस इलाके में मसूर, मटर आदि की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है, अत्यधिक उपजाऊ होने के कारण खेतों में पैदावार अधिक होता है। बोवाई के सीजन में ही जलस्तर बढ़कर खेतों में पानी फैलने से अब किसानों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि खेत कब सूखेंगे और वह उनकी बुवाई करेंगे।
किसान अनिल राय, आशुतोष राय, राजेंद्र यादव, श्याम बहादुर राय, गोपाल राय आदि ने बताया कि अगर मगई नदी में पानी छोड़े जाने पर रोक नहीं लगाई गई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।