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घर हुए रोशन, पूजे गए लक्ष्मी-गणेश

गाजीपुर : कतार में लगे दीपों इंद्रधनुषी छटा। झालरों की चकाचौंध से जगमगाते घर। आतिशबाजी के सतरंगी प्र

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 06:12 PM (IST)
घर हुए रोशन, पूजे गए लक्ष्मी-गणेश

गाजीपुर : कतार में लगे दीपों इंद्रधनुषी छटा। झालरों की चकाचौंध से जगमगाते घर। आतिशबाजी के सतरंगी प्रकाश से नहाया शहर। यह नजारा था गुरुवार को दीपावली की शाम का। ज्योतिपर्व दीपावली पर रंग-बिरंगी रोशनियों से सभी घर रोशन हुए। लोगों ने लक्ष्मी-गणेश की पूजा की। गेंदा की माला महंगी होने के कारण लोगों का उत्साह ठंडा दिखा। कुछ श्रद्धालुओं ने कमल के फूल की खरीदारी की।

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शाम होते ही पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमगा उठा। दीयों की टिमटिमाती रोशनी आसमान पर चमक रहे तारों की मानिंद दिख रही थी। दीपों की बारात ने खूबसूरत रात को और भी मोहक बना दिया। इस मनोहारी दृश्य को सभी अपनी आंखों में कैद करने को बेताब थे। आकाश में रह-रह कर कौंधती रंग-बिरंगी रोशनी लोगों के दिलों को छू रही थी। सब एक दूसरे को दीपावली की बधाई दे रहे थे।

बाजार में तरह-तरह की मिठाईयां और घरों में बने पकवान लोगों की खुशियों को दोगुना कर रहे थे। हर लम्हे को हर कोई अपने अंदर समेट लेना चाहता था। सूर्यास्त होते ही व्यापारिक प्रतिष्ठान ही नहीं बल्कि घर-घर गणेश-लक्ष्मी पूजा हुई। महिलाओं ने पूजा से पहले आंगन में तुलसी का बिरवा के पास पहला दीप जलाया। साथ ही मिष्ठान चढ़ाया। इसके बाद मंदिरों व घरों में दीप जलाने का सिलसिला शुरू हो गया।

इसके बाद मुख्य पूजा शुरू हुई। इस दौरान लोगों ने कुल देवताओं को भी दीपदान किया। रोशनी के इस पर्व में हर धर्म के लोग आतिशबाजी एवं दीया जलाते हुए इस खुशी में शरीक दिखे। वातावरण पटाखों के शोर से गूंज उठा।

पटाखों के दाम हुए दोगुने

पर्व के दिन पटाखा विक्रेताओं ने खूब लोगों की जेब काटी। एक दिन पहले जिस पटाखे का दाम सौ था दूसरे दिन सीधा दोगुना हो गया। पटाखा बाजार में चाइनीज राकेट जिसकी कीमत बुधवार को सौ थी। दूसरे दिन विक्रेता उसे दो सौ रुपये से कम पर बेचने को तैयार नहीं थे।

कद छोटे, काम बड़े

कद भले ही छोटे हों लेकिन दीपावली पर्व के मौके एजेआरपी के छात्रों ने बड़ा काम किया है। उन्होंने गरीब बच्चों को वस्त्र देकर उनकी खुशियों को दोगुना कर दिया है। सौरभ साहू, देशदीपक, अनुज, पवन कुशवाहा, आदित्य नारायण मौर्य एवं शाश्वत निगम ने ददरीघाट पर जाकर मलिन बस्ती के बच्चों को दीपावली की बधाई देते हुए उनको उपहार भेंट किया। साथ ही उन बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।

तेल के दीया का है महत्व

इस पर्व के मौके पर लक्ष्मी उल्लू पर सवार होकर आएंगी जिसे काफी शुभ माना जाता है। उनका ध्यान तेल के दीया की ओर रहता है। मान्यता है कि सभी देवताओं का अग्नि से ही प्रवेश होता है। इसलिए तेल के दीया का काफी महत्व है। - अजय शास्त्री, ज्योतिषी, मिश्र बाजार।

दीपावली के बयार में लूट गया बाजार

धनतेरस में खरीदारी तो हुए, गुरुवार को दीपावली पर भी पूरा शहर खरीदारी के लिए उमड़ पड़ा। लोगों ने जमकर खरीदारी किए। कहीं फूल-माले कम हो गए तो कहीं मिट्टी के दीये। मोमबत्ती भी दुकानों में कम पड़ गई। देर शाम तक पूरा शहर दीवाली के जश्न में डूबा हुआ था। लंका के मिष्ठान विक्रेता मुकेश ने बताया कि लोग मिठाई की खूब बिक्री हुई है। पटाखा विक्रेता महमूद ने बताया कि छोटे बच्चों के लिए 100 बंदूक मंगाया। शाम होती ही कम पड़ गई। महुआबाग के मोबाइल विक्रेता हनुमान ने बताया कि छोटी दीपावली के दिन मोबाइल की खूब बिक्री हुई।

मैदान में उतरे सितारे..

पीजी कालेज के खेल मैदान में दीपावली की संध्या पर जैसे आसमान से सितारे उतर आए थे। पूरे मैदान को दस हजार मिट्टी के दीयों से सजाया गया था। ये प्रयास था पीजी कालेज के छात्रों एवं मैदान में खेलने वाले बाहरी युवकों का। इस मौके पर डीजे की धुन में छात्रों ने जमकर ठुमके लगाए और एक दूसरे को दीपावली की बधाई दी। कालेज के छात्रों ने इस बार दीपावली कुछ खास तरह से मनाने की सोचा था। इसके लिए पहले से ही तैयारी की गई थी।

छात्रों के साथ मैदान पर रोज दौड़ लगाने वाले युवकों ने भी इसके सहयोग किया। पूरे मैदान को दीपों से सजा दिया। गया। इसमें दस हजार दीयों का प्रयोग किया गया था। शाम को जैसे ही सब दीयों को जलाया गया तो वहां दृश्य काफी मनोहारी हो गया। आसपास के लोगों की वहां भीड़ लग गई।


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