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डीएम की जांच में मिले पांच डाक्टर अनुपस्थित

गाजीपुर : पिछले दिनों कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह पटेल बुधवार की सु

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 07:11 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 07:11 PM (IST)

गाजीपुर : पिछले दिनों कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह पटेल बुधवार की सुबह अचानक जिला अस्पताल पहुंचे। उनके आने की खबर मिलते ही चिकित्सकों व कर्मचारियों में खलबली मच गई। निरीक्षण के दौरान पांच चिकित्सक डीएम को अनुपस्थित मिले। इससे नाराज डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को गैरहाजिर चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांग कार्रवाई का निर्देश दिया।

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पटेल ने देखा कि बाहर के दोनों शौचालय बंद हैं। आकस्मिक कक्ष में डा. राजीव गुप्त व डा. रत्नाकर सिंह अनुपस्थित थे। डा. निशार अहमद राउंड पर मिले। अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. आलोक अनुपस्थित थे। दंत चिकित्सा कक्ष में रखी मशीन की सफाई नहीं की गई थी। इस दौरान उन्होंने मशीन को चालू कराकर देखा। उन्होंने सामान्य शौचालय की गंदगी पर नाराजगी जाहिर की। निरीक्षण में बताया गया कि फिजीशियन डा. सीसी शैलेश भी अनुपस्थित हैं।

अल्ट्रासाउंड कक्ष में डा वीके सिंह ने बताया कि अल्ट्रासाउंड का एक सौ रुपये शुल्क लिया जाता है।

कराएं सफाई : बच्चा वार्ड में पहुंचे जिलाधिकारी ने मरीजों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने चिकित्सकों से मरीजों को दिए जाने वाले भोजन समेत अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। एक मरीज के परिजन से दवा में हो रहे खर्च के बाबत पूछा। जवाब मिला कि दवा अस्पताल से मिल रही है। इस वार्ड की दीवारों व सीलिंग पर नजरें दौड़ाते हुए जिलाधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षक को सफाई कराने का निर्देश दिया।

मिले डायरिया के मरीज : निरीक्षण के दौरान बच्चा वार्ड में ही दो बच्चे डायरिया से ग्रस्त मिले। इस पर डीएम ने मौजूद लोगों से पूछा कि डायरिया का कहां-कहां असर है। बताया गया कि पीड़ित दोनों बच्चे आदर्श बाजार व गोरा बाजार के हैं और इन्हीं इलाकों में डायरिया का असर भी है। इस पर डीएम ने संबंधित क्षेत्रों में शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराने का संबंधित विभाग को निर्देश दिया।

उपस्थिति की करें जांच : जिलाधिकारी ने सीएमएस से कहा कि चिकित्सकों की उपस्थिति की नियमित जांच की जाए। कई बार अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई में ढिलाई नहीं होने पाए। अस्पताल में पार्किग की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी। इसे दुरुस्त करने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया। चिकित्सक के बैठने वाले कक्ष में भी सफाई नहीं थी। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. केडी द्विवेदी भी थे।


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