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ग्राम प्रधानों के दर्द का है बखूबी अहसास

गाजीपुर : पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव ने कहा कि वह खुद भी ग्राम प्रधान रहे हैं, इसलिए प्रधानों का

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 07:52 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 07:52 PM (IST)

गाजीपुर : पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव ने कहा कि वह खुद भी ग्राम प्रधान रहे हैं, इसलिए प्रधानों का दर्द बखूबी समझते हैं। उनको दिए गए 40 सूत्री मांग पत्र में जो मांगें राज्य सरकार स्तर से पूरी होंगी, उन्हें वह मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर कैबिनेट की मंजूरी दिलाने की कोशिश करेंगे।

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श्री यादव सोमवार को आरटीआइ परिसर में ग्राम प्रधान संगठन के समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान पंचायती राज मंत्री का सम्मान किया गया। संगठन के जिलाध्यक्ष मो. शमीम सिद्दिकी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ग्राम पंचायतों के निर्णयों की उपेक्षा करता है। पौधरोपण के लिए चिह्नित एजेंसी से पौधे खरीदने का दबाव बनाया जाता है। जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख की तुलना में ग्राम प्रधानों को विकास के लिए अकेले जूझना पड़ता है।

ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती। भूमि प्रबंधक समिति की बैठकों के प्रति एसडीएम व लेखपाल उदासीन बने हैं। अन्य प्रधानों ने मांग रखी कि ग्राम पंचायतों को मनरेगा से कार्य कराने की तय राशि को बढ़ाकर दस लाख किया जाए। प्रधान की दुर्घटना में मौत या हत्या होने पर उसके परिवार को दस लाख रुपये और अपंग होने पर पांच लाख रुपये मुआवजा मिले। कार्यकाल समाप्त होने पर पेंशन की भी मांग की गई।

इस दौरान शिवदरश यादव, गुड्डू यादव, मोहम्मद वैश खां, सुबच्चन यादव, संजय कुमार, दिलीप यादव, भोला यादव, हरिवंश प्रजापति आदि मौजूद थे।


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