हर इंसान के दिल में है 'जज'
गाजीपुर : उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायमूर्ति मोहम्मद ताहिर ने कहा कि न्याय की आज की व्यवस्था पहल
गाजीपुर : उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायमूर्ति मोहम्मद ताहिर ने कहा कि न्याय की आज की व्यवस्था पहले से भी उत्तम है। हर आदमी के दिल में एक जज है, जिससे वह जानता है कि क्या सही है और क्या गलत है। बार व बेंच दोनों इस व्यवस्था के पार्टनर हैं। वकील ही है कि अदालत की मर्यादा को कायम रखने और विश्वास बढ़ाने का कार्य करता है।
वह शनिवार को यहां रोडवेज बस स्टेशन के समीप एक मैरिज हाल में 'वर्तमान न्याय व्यवस्था के समक्ष चुनौतियां एवं समाधान' विषयक सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। सिविल बार एसोसिएशन व गुड़िया संस्था वाराणसी के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में उन्होंने मुकदमों की संख्या ज्यादा होने को उन्होंने चुनौती बताया। कहा कि सुलह-समझौते के आधार पर इसे कम किया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने जनपद न्यायालय का निरीक्षण कर उचित दिशा-निर्देश दिया।
मुख्य वक्ता बीएचयू विधि संकाय के प्रो. नवल किशोर मिश्र ने कहा कि अस्मिता और प्रतिष्ठा सबसे बड़ी चुनौती है। कई उदाहरण देकर न्याय व्यवस्था के समक्ष चुनौतियां व उनके समाधान पर अपने तर्क रखे। बीएचयू से आए सौरभ तिवारी ने कहा कि न्याय पालिका की स्वतंत्रता बनाए रखना ही चुनौती है। जजों की नियुक्ति की व्यवस्था और दुरुस्त करने की जरुरत है।
बार कौंसिल सदस्य अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि न्याय अपने आप में चुनौती है। न्याय के पथ पर चलना आसान नहीं है। कानून की ज्यादती ही कानून के लिए समस्या पैदा कर रही है। अध्यक्षता कर रहे महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कहा कि कानून से निष्प्रयोज्य हिस्सा हटा देना चाहिए। व्यवस्था को बदलकर वैकल्पिक न्याय का प्रबंध करना चाहिए। अतिथियों ने वरिष्ठ अधिवक्ता केसी राय की पुस्तक 'नमन' का विमोचन किया। सिविल बार की तरफ से उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया गया। सेमिनार में गाजीपुर के अलावा गोरखपुर, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ के अध्यक्ष व सचिवों ने हिस्सा लिया।
विशिष्ट अतिथि जिला जज शमशाद अहमद, पुलिस अधीक्षक डा. उमेश चंद्र श्रीवास्तव थे। बार कौंसिल के सदस्य श्रीनाथ त्रिपाठी, हरिशंकर सिंह, अरुण कुमार त्रिपाठी, अमरेंद्र नाथ सिंह के अलावा पालिकाध्यक्ष विनोद अग्रवाल, शारदा चौहान, मारकंडे सिंह, सिविल बार के अध्यक्ष सुरेश सिंह आदि मौजूद थे। संचालन महासचिव धीरेंद्र नाथ सिंह ने किया।