कटान पीड़ित फिर अनदेखी के शिकार
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : हाउस होल्ड सर्वे में विस्थापन का जीवन व्यतीत कर रहे सेमरा के कटान पीड़ित बच्चों का नाम सूची से बाहर हो गया है। इसे लेकर पीड़ित परिवारों में आक्रोश है। गंगा की विभीषिका से अपना आशियाना गंवा चुके कटान पीड़ित विस्थापित परिवारों का स्थाई ठिकाना नहीं है। सरकारी गणना में भी उनका नाम गायब होता जा रहा है।
शासन की ओर से हाउस होल्ड सर्वे कराया गया। इसमें कटान पीड़ित विस्थापित परिवार के बच्चों के नाम शामिल नहीं किए गए। पिछले वर्ष आई बाढ़ के चलते सेमरा के सैकड़ों परिवारों का मकान कटान के चलते गंगा की धारा में समा गया। इसके बाद 125 पीड़ित परिवार नगर स्थित पूर्व माध्यमिक, प्राथमिक विद्यालय व मंडी समिति यूसुफपुर में विस्थापन का जीवन बिता रहा है।
पीड़ितों ने जमीन व पुनर्वास की मांग के लिए कई बार आंदोलन भी किया लेकिन शासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं हुई। बीते 16 से 31 अगस्त तक परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने घर-घर घूमकर तीन से 14 वर्ष के बच्चों को रिकार्ड तैयार किया। इसमें विद्यालय जाने वाले, विद्यालय से वंचित व विकलांग बच्चों का विवरण शामिल है। कटान पीड़ित विस्थापित परिवारों के स्थाई मकान न होने से उनके बच्चों को इस सर्वे में शामिल नहीं किया गया।
अमरनाथ राम, शिवकुमार, जितेंद्र पाल, जगदीश पाल, मुखराज राम, सोनू रावत ने बताया कि एक वर्ष से बंजारों का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पुनर्वास की मांग पर अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं। अब बच्चों के भविष्य की भी चिंता सता रही है। शेरपुर के न्याय पंचायत समन्वयक हेमनाथ राय ने बताया कि सर्वे घर-घर जाकर करना था। सेमरा व पुरवा शिवराय में मकान बनाकर रहने वाले परिवार के बच्चों का सर्वे हुआ है।