फर्जी पर्ची के मामले में जांच टीम गठित
गाजीपुर : जिला अस्पताल में चल रहे फर्जी पर्ची के खेल के मामले में प्रभारी सीएमएस ने संबंधित कर्मचारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। साथ ही पर्ची काउंटर के लिपिक एकलाख को नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। इससे संबंधित अन्य कर्मचारियों की भी सांस अटकी हुई है।
जिला अस्पताल में इस समय दलालों का बोलबाला है। वे सुबह यहां पहुंच कर काफी संख्या में फर्जी नामों से पर्ची कटाकर प्रमुख चिकित्सकों के यहां जमा कर देते हैं। बाद में पहुंचने वाले मरीजों का नंबर काफी पीछे लगता है। इससे परेशान मरीजों को पहले नंबर लगाने का लालच देकर दलाल उन्हें झांसे में ले लेते हैं। उनसे मोटी रकम वसूल अपनी फर्जी पर्ची का नंबर आते ही मरीज को अंदर भेज देते हैं।
इसके बाद उस मरीज को अपने मेडिकल स्टोर से दवा दिलवाने के साथ जांच आदि भी करवाते हैं। फर्जीवाड़ा के इस खेल में पर्ची काउंटर के लिपिक की भी भूमिका संदिग्ध होती है। इस मामले को जागरण ने सात सितंबर के अंक में 'जिला अस्पताल में चल रहा फर्जी पर्ची का खेल' शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसको सीएमएस ने संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रभारी सीएमएस डा. एके मिश्र ने बताया कि जांच कमेटी में डा. बीके श्रीवास्तव, डा. एसकेजी सिंह एवं डा. राजीव गुप्त हैं। लिपिक का जवाब और जांच रिपोर्ट आने के बाद जो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
दलालों के खिलाफ एसपी को पत्र
जिला अस्पताल को दलालों से मुक्त कराने एवं मनमानी कर रहे एंबुलेंस चालकों के संबंध में प्रभारी सीएमएस ने पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि जिला अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मी ड्यूटी में लापरवाही करते हैं। ऐसे में अस्पताल परिसर में दलाल घूमते रहते हैं और मरीजों को अपने झांसे में लेकर उनका आर्थिक शोषण करते हैं।