Move to Jagran APP

लुटेरों का मुख्य हथियार है 'त्रिभुज'

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 Aug 2014 01:00 AM (IST)
लुटेरों का मुख्य हथियार है 'त्रिभुज'

गाजीपुर : यूपी-बिहार में ट्रकों को पंक्चर कर लूटने वाले गिरोह का मुख्य हथियार लोहे की चद्दर काटकर बना कांटा था। गिरोह ने इसे 'त्रिभुज' नाम दे रखा था। सड़क पर गीली मिट्टी में धंसाकर इस हथियार को उस जगह रखा जाता था, जहां ट्रकों का पहिया पड़ना लगभग तय होता था।

loksabha election banner

ट्रक पंक्चर होते ही चालक व खलासी जब देखने के लिए उतरते व पहिया बदलने की जुगत में जुटते, उसी समय आसपास छिपे गिरोह के सदस्य धावा बोल देते। पहले असलहे से आतंकित कर ट्रक लदे सामानों व उनके पास मौजूद धन को लूटने का प्रयास करते, विरोध करने पर लाठी-डंडे से पीटकर दहशतजदा कर देते थे।

सेठ ने खड़ा किया गिरोह

ट्रक लूटने वाले इस गिरोह को खड़ा किया भभुआ जिले के मोहनिया थाना क्षेत्र के सरायकला निवासी जवाहर पासी उर्फ सेठ ने। सेठ दो साल पहले दूसरे गिरोह में कार्य करता था। वह बिहार व चंदौली में दो-तीन बार जेल भी गया। छूटने के बाद पुलिस की नजर में सीधा बनने के लिए उस गिरोह से तौबा कर लिया। डेढ़ साल पहले उसने चंदौली के चार व अपने यहां के दो युवकों को जोड़कर नया गिरोह बना लिया।

उसने ही त्रिशूल आकार के कांटे की तरकीब निकाली। गिरोह की कमान उसने चंदू हरिजन को दे रखी थी। वह सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही घटनाओं को अंजाम देते समय कुछ देर के लिए ही मौके पर जाता था। इस गिरोह का कार्यक्षेत्र बिहार व यूपी को बांटने वाली कर्मनाशा नदी के दोनों तरफ के इलाके थे।

..और ट्रकों को लूटने की थी मंशा

गाजीपुर : गत 20 अगस्त को जमानिया थाना क्षेत्र में देवदही के पास लूट करने के बाद भी दो ट्रकों के चालक व खलासियों को तीन घंटे तक बंधक बनाए रखने के पीछे उनकी मंशा उन्हें मारने की नहीं थी। उनके पास मिले महज 57 हजार रुपये से उन्हें संतोष नहीं था और उनकी मंशा अन्य ट्रकों को लूटने की थी। घायलों को छोड़ देने पर आगे जाते ही पुलिस को सूचित कर देने का डर था।

मोबाइल ले जाना पड़ गया भारी

गाजीपुर : देवदही में ट्रक चालक व खलासियों का मोबाइल सेट लूटना गिरोह के सदस्यों को भारी पड़ गया। पुलिस ने मुखबिरों को भले ही सक्रिय कर रखा था, लेकिन बदमाशों की लोकेशन घटना के तीसरे दिन से ही चंदौली व बिहार में मिलने लगी थी। लूटी गई मोबाइल को सर्विलांस पर लगाए जाने के चलते उनमें दूसरी सिम लगाकर प्रयोग करते ही पुलिस को संकेत मिलने लगे थे।

पुलिस ने बदमाशों से जिस-जिस से बात हुई, उन मोबाइल नंबरों को भी ट्रेस करना शुरू किया तो पूरे गिरोह के बारे में जानकारी हो गई। बता दें कि इस घटना के बाद लापरवाही बरतने में जमानिया के तत्कालीन कोतवाल श्रीकांत पांडेय को निलंबित होने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा था।

लगेगा गैंगस्टर, खुलेगी हिस्ट्रीशीट

गाजीपुर : अंतरप्रांतीय ट्रक लूट गिरोह की हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। पुलिस अधीक्षक डा. उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने जमानिया कोतवाल को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द इनको गैंगस्टर में निरुद्ध करने की कार्रवाई पूरी कर ली जाए। उन्होंने लुटेरों की एलबम में सातों आरोपियों का फोटो व विवरण दर्ज कर बिहार पुलिस के पास भी भेजने को निर्देशित किया।

इन्हें मिलेगा पुरस्कार

आइजी द्वारा 15 हजार व एसपी द्वारा पांच हजार रुपये का घोषित पुरस्कार पाने वालों में 14 पुलिसकर्मी शामिल हैं। जमानिया थानाध्यक्ष अवधेश नारायन सिंह, सर्विलांस प्रभारी राहुल कुमार सिंह, स्वॉट टीम इंचार्ज रितेंद्र कुमार सिंह, कांस्टेबल प्रदीप यादव, ओमप्रकाश सिंह, रामकृत यादव, जगदीश मौर्य, अजय जायसवाल, संजय कुमार आदि पुरस्कृत किए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.